सिहोरा: बारदाने की कमी और तेज बारिश ने किया किसानो का जमकर नुकसान, ज़िम्मेदार मौन
सिहोरा से शशांक तिवारी की रिपोर्ट : सिहोरा अनुभाग अंतर्गत बेला सोसाइटी के उपार्जन केंद्र अन्नपूर्णा वेयरहाउस में प्रशासनिक लापरवाही के चलते अनेक किसानों की उपज ना केवल भीग गई बल्कि लंबे समय तक पानी में डूबे रहने के कारण दुर्गंध मार रही हैं।
उल्लेखनीय है कि इस बार रवि फसल की गेहूं खरीदी के लिए गोदाम स्तरीय उपार्जन केंद्रों को प्राथमिकता दी गई थी। ताकि जल्द से जल्द किसानों की गेंहू की खरीद की जा सके तथा माल को गोदामो में जमा कराया जा सके। लेकिन गेहूं खरीदी में वारदाने की कमी के साथ गेहूँ परिवहन उपार्जन केंद्र की अव्यवस्था की बजह से केंद्र पर हजारो क्वन्टल गेंहू खुले में पड़ा हुआ है, गोदाम स्तरीय केंद्रों की हालत ओर ज्यादा खराब है, जबकि किसान का गेंहू खरीद कर माल को सिर्फ गोदाम में जमा करना होता है उसके बाबजूद भी गोदाम स्तरीय केन्द्रों पर हजारो क्वन्टल गेंहू उठाव के लिए पड़ा है वही मौसम के बिगड़े मिजाज से समिति तथा गोदाम स्तरीय केन्द्रों पर पड़ा हजारो क्वन्टल गेंहू भीग गया और खराब होने की कगार पर है। जिससे किसानों का नुकसान होने के साथ साथ भुगतान पर खतरा मंडरा रहा हैं।
*खेत में बना दिया उपार्जन केंद्र*
प्राप्त जानकारी के अनुसार वेला सोसाइटी का उपार्जन केंद्र अन्नपूर्णा वेयरहाउस में बनाया गया था अव्यवस्थाओं के चलते समिति प्रबंधक द्वारा किसानों का गेहूं खेतों में डंप करा दिया गया बारिश के दौरान खेतों में पानी भर जाने के साथ भरे पानी की निकासी ना होने के कारण डंप हुआ गेहूं पूरी तरह भीग गया।
*बारदाने की कमी भी बना कारण*
बेला सोसाइटी अंतर्गत उपार्जन केंद्र की खरीदी का लक्ष्य 1लाख 33 हजार कुंटल का लक्ष्य रखा गया था जिसमें से लगभग 1 लाख कुंटल की खरीदी का भंडारण किया जा चुका है किंतु बार दाने की कमी के चलते लगभग आठ -दस हजार क्विंटल गेहूं खुले आसमान के नीचे खेतों में डंप पड़ा था वही एस एम एस ना आने के कारण कुछ किसान अपनी उपज लेकर केंद्र तक नहीं पहुंचे हैं।
*अव्यवस्थाओं का किया निरीक्षण*
खरीदी केंद्र में पानी भरने की शिकायत पर पहुंचे प्रशासनिक अधिकारियों ने आनन-फानन में मानक अमानक को दरकिनार करते हुए भीगे एवं सड़े गेहूं की तोल प्रारंभ कराई गई इस अवसर पर तहसीलदार सिहोरा राकेश चौरसिया फूड इंस्पेक्टर मीनाक्षी दुबे, भारतीय किसान यूनियन जिला अध्यक्ष एडवोकेट रमेश पटेल, पटवारी अमित कुररिया सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।
किसानो का कहना है घुटना निवासी जसवीर कोर के पुत्र रमनदीप का कहना है कि 21 मई को एस एम एस प्राप्त होने पर वह 300 क्विंटल उपज लेकर आया था किंतु बार दाने की कमी के चलते उसकी तोल नहीं हो सकी और बारिश में गेहूं पानी में डूब गया। लगभग 20 क्विंटल गेहूं मिट्टी में मिल गया।
किसान वीरेंद्र सिंह का कहना है कि वह 170 कुंटल गेहूं लेकर आया था पानी में भीग जाने के कारण ऊपर ऊपर की गेहूं की तौल लगभग 110 क्विंटल की हुई है शेष गेहूँ खराब हो गया।
अब ऐसे में सवाल उठता है की असमय हुई बरसात से केंद्र में तौल के किये रखे गेंहू के खराब होने की जबाबदारी किसकी होगी जबकि मौसम विभाग लगातार तेज बारिश की चेतावनी दे रहा था उसके बावजूद भी तलैया नुमा खेत में डम्प पड़े गेहूं की व्यवस्था करने की जवाबदारी किसकी थी।