सभी खबरें

MP:- उपचुनाव की तैयारी, किसका पलड़ा होगा भारी? "बीजेपी"-"कांग्रेस" दोनों की ही राह नही आसान

MP:- उपचुनाव की तैयारी, किसका पलड़ा होगा भारी! बीजेपी कांग्रेस दोनों की ही राह नही आसान

मध्यप्रदेश/गरिमा श्रीवास्तव:- जैसे जैसे दिन बीतते जा रहे हैं वैसे ही राजनीतिक गलियारों में चुनाव की तैयारियां जोर पकड़ रही हैं। मध्यप्रदेश का यह उपचुनाव सबसे खास है क्योंकि पिछले 16 सालों में महज़ 30 सीटों पर  चुनाव हुए थे, लेकिन इस बार एक साथ 27 सीटों पर उपचुनाव होंगे। 
दोनों ही पार्टी एड़ी चोटी का जोर इस चुनाव में लगाना चाहती हैं।  बीजेपी जहां ज्योतिरादित्य सिंधिया के चेहरे पर चुनाव लड़ने का मन बना बैठी हैं वही कांग्रेस के सामने यह चुनौती रहेगी कि वह किन मुद्दों पर भाजपा व ज्योतिरादित्य सिंधिया को टक्कर दे पाएगी। 

 ग्वालियर – चंबल पर रहेगी सबकी नज़र:-

27 सीटों में से 16 सीटें ग्वालियर चंबल से आती है। जिसमे कॉंग्रेस बीजेपी व तीसरी पार्टी बीएसपी कोई कमी नही छोड़ना चाहती हैं। खास बात यह हैं कि शिवराज के नए मंत्रिमंडल में 11 मंत्री ग्वालियर चंबल बेल्ट से ही आते हैं जिसमे 8 मंत्री सिंधिया गुट के हैं इससे अंदाजा लगाया जा सकता हैं कि बीजेपी सिंधिया की हर पसंद को तव्वजों दे रहे हैं । वही भाजपा का नया राजनीतिक केंद्र अब ग्वालियर चंबल ही हैं। 

बीएसपी बिगाड़ेगी कांग्रेस भाजपा का खेल ?

 इस उपचुनाव में बीएसपी बड़ा क़िरदार निभा सकती हैं, वही इस बात को नजरअंदाज भी नही किया जा सकता है कि ग्वालियर चंबल में दलित मतदाताओं को काफ़ी निर्णायक माना जाता हैं यही नही यहां की दो सीटों पर बसपा प्रदेश में दूसरे नम्बर पर रही थीं। ग्वालियर चंबल की 16 सीटों पर बसपा के प्रत्याशियो ने काफी निर्णायक व सम्मानजनक वोट हासिल किए थे । वही कांग्रेस जिस तरह बसपा के नेताओ को अपनी पार्टी में ले रही हैं इससे बसपा कांग्रेस को टक्कर देना चाहती हैं बात बीजेपी की करे तो अभी बसपा का समर्थन बीजेपी को हैं । 

भाजपा ने दी इन सीटों पर कांग्रेस को दी कांटे की टक्कर:-

1.कांग्रेस सरकार के समय रहे स्वास्थ्य मंत्री तुलसीराम सिलावट को राजेश सोनकर ने बहुत कांटे की टक्कर दी थीं सिलावट महज़ 2,945 वोट के अंतर से जीते थे
2. मुंगावली से कांग्रेस महज़ 2136 वोटो से ही जीती थीं , कृष्णा पाल ने नज़दीक से टक्कर दी ।
3. मान्धाता के विधायक नारायण पटेल खण्डवा ब्लॉक से कांग्रेस के एकलौते विधायक थे जिन्हें भाजपा के नरेंद्र सिंह तोमर ने टक्कर दी जीत का अंतर सिर्फ 1,236 वोट था । नरेंद्र तोमर का आकस्मिक निधन भी हो चुका हैं ।
4. वही नेपानगर से भी भाजपा काफ़ी हद तक जीत के नज़दीक थी , कांग्रेस की सुमित्रा कसडकर सिर्फ 1264 वोटों से जीती 
5. सुवासरा से कांग्रेस विधायक रहे हरदीप सिंह डंग महज 350 वोट से जीते थे , आने वाले समय में यह सीट भाजपा के पास रहती हैं या जाती हैं चुनाव नतीजा ही बताएगा । 

कांग्रेस का राम नाम जपना व बीजेपी अटल के नाम से सेंध मार रही:-

 हाल ही में राम मंदिर भूमि पूजन के दिन कांग्रेस नेताओं ने राम का नाम लिया यह भी नही सुंदरकांड तक करवाया अपने कार्यलय पर राम का भव्य पोस्टर भी लगाया इसे चुनाव से जोड़कर देखा जा सकता हैं क्योंकि इन 27 सीटो पर हिन्दू बहुल लोग हैं ।
 वही दूसरी ओर शिवराज ने चंबल प्रोग्राम वे का नाम बदल कर अटल विहारी वाजपेयी चंबल प्रोग्राम कर दिया इससे पता चलता हैं कि शिवराज अटल के नाम से राजनीति व कांग्रेस राम नाम से लोगों के दिल मे जगह बनाना चाहते है।

स्थानीय मुद्दों पर कांग्रेस दे सकती है जोर:-

 बिजली की दरों में वृद्धि , किसान कर्जमाफी, डीजल पेट्रोल की बढ़ती कीमतों को वह इस चुनाव में भी बडी जोर शोर से उठाएगी 
 वही कोरोना काल में प्रवासी की समस्या बीजेपी का सरदर्द बन सकती हैं । मजदूरों के साथ पार्टी का व्यवहार कैसा था यह तो वोटर ही बताएंगे ।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Back to top button