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Vyapam Scam: जाली दस्तावेज़ों से लिया था एडमिशन, STF ने कसा शिकंजा, दो डॉक्टरों के खिलाफ FIR दर्ज

भोपाल से खाईद जौहर की रिपोर्ट – मध्यप्रदेश के सबसे बहुचर्चित व्यापम महाघोटाले में आए दिन कोई न कोई खुलासे हो रहे हैं। जैसे जैसे इस मामले की जांच आगे बढ़ रहीं हैं वैसे वैसे इसमें आरोपियों के ख़िलाफ़ FIR दर्ज की जा रहीं हैं। हालही में एसटीएफ (STF) ने दो और डॉक्टरों के खिलाफ दो नयी FIR दर्ज की हैं। बता दे कि अभी तक कुल 15 FIR दर्ज हो चुकी हैं। इनमें से ज़्यादातर PMT में एडमिशन के नाम पर हुए फर्जीवाड़े की हैं। 14 एफआईआर पीएमटी से जुड़ी हैं, जबकि एक एफआईआर आरक्षक भर्ती परीक्षा से जुड़ी हैं। सभी केस में जांच जारी हैं। 

एसटीएफ ने अभी जिन पर FIR दर्ज की है उन पर 2009 में जाली दस्तावेज़ों के ज़रिए एडमिशन लेने का आरोप हैं। STF ने आरोपी MBBS डॉक्टरों को नोटिस जारी कर बयान के लिए बुलाया हैं। बताया जा रहा है कि ये दो नई FIR गोरखपुर में रहने वाले एमबीएसएस डॉक्टर मनीष पांडेय निवासी और चित्रकूट के विकास सिंह के खिलाफ दर्ज की गई हैं। 

कहा जा रहा है कि दोनों आरोपियों ने फर्ज़ी मूल निवासी प्रमाण पत्र के ज़रिए मध्यप्रदेश राज्य कोटा का लाभ लेकर भोपाल के सरकारी गांधी मेडिकल कॉलेज में एडमिशन लिया। जानकारी के अनुसार STF द्वारा दर्ज किये गए मामलो में एक भी मामले में किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई हैं। लेकिन अपनी गिरफ्तारी के डर से सभी आरोपी कोर्ट की शरण में अग्रिम ज़मानत की अर्जी लगा रहे हैं। इनमें से तीन आरोपी डॉक्टरों की अग्रिम जमानत याचिका खारिज हो चुकी हैं। 

गौरतलब है कि कमलनाथ सरकार बनने के बाद गृहमंत्री बाला बच्चन के निर्देश पर एसटीएफ व्यापम घोटाले की पेंडिंग शिकायतों की जांच कर रही हैं। 197 पेंडिंग शिकायतों की जांच के बाद FIR दर्ज करने का सिलसिला जारी हैं। 

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