शाहीन बाग़ पहुंचे Supreme Court के वार्ताकार, दो घंटे की बातचीत के बाद भी नहीं निकला कोई हल
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नई दिल्ली:- आज शाहीन बाग में सुप्रीम कोर्ट की तरफ से नियुक्त किये गए वार्ताकार पहुंचे। उन्होंने वहां प्रोटेस्ट कर रहे लोगों से लगभग 2 घंटे बात की। इतनी देर बातचीत के बाद भी कोई नतीजा नहीं निकला। आज की बातचीत ख़त्म हो गई है, कल फिर वार्ताकार प्रदर्शनकारियों से बात करने शाहीन बाग़ जाएंगे। इस तरह बात चीत कर मामला सुलझाने के लिए सिर्फ रविवार तक का समय सुप्रीम कोर्ट ने वार्ताकारों को दिया है। सीनियर वकील संजय हेगड़े और साधना रामचंद्रन आज शाहीन बाग़ पहुंचे, उन्होंने प्रदर्शनकारियों से कहा कि वो कल फिर बात करने आएंगे। आपको बता दें की आज की बातचीत मीडिया की गैर मौजूदगी में हुई।
पुलिस ऑप्शनल रास्ते नहीं खोलती- प्रदर्शनकारी
दिल्ली के शाहीन बाग़ में पिछले 67 दिन से चल रहे नागरिता कानून को लेकर प्रोटेस्ट की वजह से दिल्ली और नोएडा को जोड़ने वाला कालिंदी कुंज का रास्ता बंद पड़ा हुआ है। प्रदर्शन करने वालों का कहना है कि जब तक सरकार नागरिकता कानून वापस नहीं ले लेती, तब तक हम लोग यहां से यहीं हटेंगे। उन्होंने कहा की हम सिर्फ 150 मीटर के हिस्से में प्रदर्शन कर रहे हैं। बाकी की साड़ी जगह दिल्ली और यूपी पुलिस ने घेर रखी है। बंद सड़क के लिए हम जिम्मेदार नहीं हैं, पुलिस ऑप्शनल रस्ते नहीं खोलती।
हमने पूछा क्या चाहते हैं वे- साधना रामचंद्रन
साधना रामचंद्रन ने बताया- ''हम उनसे मिले और उनकी बातें सुनीं। हमने उनसे पूछा कि क्या वे चाहते हैं कि हम कल वापस आएं क्योंकि एक दिन में वार्ता पूरी करना संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि वे चाहते हैं कि हम कल वापस आएं, इसलिए हम आएंगे।''
आज दोपहर करीब 3 बजे दोनों वार्ताकार शाहीन बाग़ पहुंचे। उन्होंने बताया की हम सुप्रीम कोर्ट की तरफ से बातचीत वकारके कोई हल निकलने आये हैं। साधना रामचंद्रन ने प्रदर्शनकारियों की बड़ी भीड़ से कहा, 'सुप्रीम कोर्ट ने प्रदर्शन करने के आपके अधिकार को बरकरार रखा है। लेकिन अन्य नागरिकों के भी अधिकार हैं, जिन्हें बरकरार रखा जाना चाहिए।' उन्होंने कहा, 'हम मिलकर समस्या का हल ढूंढना चाहते हैं. हम सबकी बात सुनेंगे।' पहले संजय हेगड़े ने वहां मौजूद प्रदर्शनकारियों को सुप्रीम कोर्ट का फैसला इंग्लिश में पढ़कर सुनाया। उसके बाद साधना रामचंद्र ने उसका हिंदी में ट्रांसलेट किया।