दमोह बंद कराने हजारों लोग उतरे सड़कों पर, हिंदू संगठनों ने की शिक्षक अजय मुड़ा को न्याय दिलाने और अतिक्रमण हटाने की मांग
दमोह बंद कराने हजारों लोग उतरे सड़कों पर, हिंदू संगठनों ने की शिक्षक अजय मुड़ा को न्याय दिलाने और अतिक्रमण हटाने की मांग
दमोह से शंकर दुबे की रिपोर्ट। शिक्षक अजय मुड़ा को न्याय दिलाने और शहर से अतिक्रमण हटवाने की मांग को लेकर आज हजारों लोग सड़कों पर उतर आए। अवसर था विभिन्न संगठनों द्वारा दमोह बंद के आवाहन का। भीड़ को नियंत्रित करने पुलिस को हल्का बल प्रयोग भी करना पड़ा।
जिला प्रशासन और विभिन्न संगठनों के बीच चल रही तनातनी आज दमोह बंद के रूप में देखने को मिली। जहां सुबह से ही कड़कड़ाती ठंड में विभिन्न संगठनों और उनसे जुड़े हजारों लोग सड़कों पर उतर आए। विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल सहित विभिन्न धार्मिक और व्यापारिक संगठन, विभिन्न प्रकोष्ठो के आवाहन पर आज 11 जनवरी को दमोह बंद कराया गया। संगठनों के आवाहन का इतना व्यापक असर होगा संभवत: इसकी कल्पना प्रशासन ने नहीं की थी। लेकिन पुलिस व्यवस्था जरूर चाक चौबंद रही हो। मालूम हो कि बीते 28 दिसंबर की रात शिक्षक अजय मुड़ा की एक समुदाय विशेष के लोगों द्वारा निर्मम हत्या कर दी गई थी। जिसके विरोध में विभिन्न संगठनों ने अपना विरोध दर्ज कर आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग तथा शहर में समुदाय विशेष के अवैध अतिक्रमण हटाने को लेकर पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों से कई दफा मुलाकात की तथा उन्हें ज्ञापन भी सौंपा था। लेकिन जिला प्रशासन द्वारा इस ओर ध्यान नहीं दिया गया। लिहाजा लोगों में आक्रोश पनपता रहा और आज हजारों की संख्या में लोग घंटाघर पर एकत्र हुए। जहां से जुलूस के रूप में वह पुराना थाना पहुंचे तथा वहां से मुर्शिद बाबा के मैदान में धरना देने के लिए जब आगे बढ़ने लगे तो पुलिस को स्थिति को नियंत्रित करने के लिए हल्का बल प्रयोग करना पड़ा तथा लोगों को समझाइश भी दी।
अपर कलेक्टर ने दिया आश्वासन
मामले को बढ़ता देख अपर कलेक्टर आनंद कोपरिहा ने मौके पर पहुंचकर हिंदू संगठनों के नेताओं से बात की तथा 15 दिन में शहर से मीट की दुकानें तथा अतिक्रमण हटाने का आश्वासन दिया। उसके बाद ही लोगों ने अपना प्रदर्शन खत्म करने तथा बाजार खोलने का निर्णय लिया गया।
प्रशासन को दिया अल्टीमेटम
बजरंग दल के जिला संयोजक पवन रजक, विहिप के महामंत्री नरेंद्र जैन एवं युवा व्यापारी संघ के अध्यक्ष संजय यादव ने कहा कि प्रशासन ने 15 दिन की मोहलत मांगी है, लेकिन हम उन्हें अपनी तरफ से 20 दिन का अल्टीमेटम दे रहे हैं। यदि इस अवधि में उन्होंने हमारी मांगें स्वीकार नहीं की तो फिर पूरे जिले में आंदोलन किया जाएगा। उसमें किसी भी तरह की कोई अप्रिय वारदात होती है तो इसकी समस्त जवाबदारी प्रशासन की रहेगी। उन्होंने कहा हमारा आंदोलन स्थगित हुआ है हमने इसे समाप्त नहीं किया है।
भारी पुलिस बल के बीच लोगों ने नारेबाजी की तथा मुर्शिद बाबा मैदान में घुसने का भी प्रयास किय