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Black Marketing : मनमाने दामों पर न खरीदें सब्जियां ,सरकार ने सभी सब्जियों के दाम किये फिक्स ,जाने क्या है नई रेट लिस्ट

भोपाल से गौतम कुमार कि रिपोर्ट 

  • ज्यादा दाम मांगे तो तुरंत पुलिस को करें शिकायत 

एक तरफ जहां विश्व भर के लोग कोरोना वायरस से लड़ने के लिए एकजुट हो रहे हैं। तो वहीं दूसरी ओर भारतवासी इसे अपनी कमाई का जरिया मां बैठे हैं सहायता करना तो दूर कि बात है। और सबसे गंदी बात कि ऐसा करते हुए इन्हें कोई शर्म भी नहीं आती। कोरोना के मद्देनज़र प्रदेश में 3 हफ़्तों का लॉक डाउन चल रहा है। जिससे लोगों को घर से निकलने कि सख्त मनाही है। नगर निगम द्वारा सब्जियों कि डोर टू डोर डिलीवरी कि जा रही है। सभी सब्जियों के रेट तय कर दिए हैं इसके बावजूद सब्जी वाले लोगों से तय दाम से काफी ज्यादा रकम मांग रहे हैं। शिकयत करने पर वह लड़ने तक उतारू हो जातें है। या कहते बनते हैं लेना है तो लीजिये और आदमी भला करे क्या लेना तो है हीं। 

सरकार ने तय किये रेट 

इसी मनमानी को देखते हुए जिला प्रशासन ने सब्जियों के दाम फिक्स कर दिए हैं। प्रशासन की रेट लिस्ट के अनुसार आलू ₹30 प्याज ₹25 लहसुन ₹70 टमाटर ₹20 बैंगन ₹25 भिंडी ₹40 ककड़ी ₹20 हरा धनिया ₹40 शिमला मिर्च ₹40 हरी मिर्च ₹60 गिलकी ₹55 लोकी ₹30 कद्दू ₹25 करेला ₹50 फूलगोभी ₹25 पालक ₹25 पत्ता गोभी ₹20 में ₹30 मूल्य ₹20 अदरक ₹60 से ₹38 गाजर ₹50 प्रति किलो बेचे जाएंगे।

इन दामो पर बेचे जा रहे थे 
नगर निगम के वेंडर शहर में बनी अस्थाई सब्जी मंडियों से सब्जी खरीदने के बाद वार्ड स्तर पर सब्जी को बेचने का काम करते हैं। लेकिन कई बार यह वेंडर सीधे सब्जी को फुटकर व्यापारियों को भेज देते थे। ऐसे में लोगों को सब्जी महंगी मिल रही थी। इसके अलावा भी वेंडर घर-घर जाकर सब्जी को मनमाने दाम मर दाम पर बेच रहे थे। आलू को 60 से ₹80 किलो बेचा जा रहा था. प्याज भी ₹40 से ज्यादा दाम में बेची जा रही थी। इसी तरीके से टमाटर के साथ दूसरी सब्जी भी ₹40 से लेकर ₹80 तक बेची जा रही थी। सब्जी की शिकायतें मिलने के बाद कलेक्टर ने अब सब्जियों के दाम तय कर दिए।

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