मुख्यमंत्री ने जबलपुर शहर में कोरोना के रिकॉर्ड को लेकर अधिकारियों को लिया आड़े हाथ ,अब कही ये बड़ी बात
मध्यप्रदेश/जबलपुर(Jabalpur) – : शहर में कोविड-19(Covid-19)वायरस विदेश से आया था। खतरे से बचाव तथा संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए कई सर्वे किए थे। लेकिन, संदिग्धों की पहचान कर के उनकी जांच के बजाय खानापूर्ति होती रही । इससे संक्रमण ने आधे शहर को अपनी गिरप्त में ले लिया। कोरोना(Corona) से 1 मौत के बाद से संक्रमण बेकाबू होता चला गया। शव सौंपने में चूक के बाद मृतक तक संक्रमण पहुंचने का पता आज तक स्वास्थ्य विभाग नहीं लगा सकी है। कोरोना संदिग्धों को क्वारंटीन करने और उनकी जांच में भी लापरवाही हुई है। तमाम प्रयास के बाद भी ज्यादा संख्या में जांच नहीं करा पाए है। अब भी संक्रमण की रफ्तार नहीं थम रही है तथा रिकॉर्ड में फर्जीवाड़ा कर स्थिति बेहतर दिखाने की कोशिश हो रही है। मामला मुख्यमंत्री(CM) के संज्ञान में आया तो उन्होंने अधिकारियों को रोकथाम के लिए प्रयास करने के निर्देश दिए। इसके बाद भी आंकड़ों में हेराफेरी हो रही है ।
सीएम(CM) ने शहर में कोरोना के रिकॉर्ड को लेकर अधिकारियों को लिया आड़े हाथ
सर्वे में खानापूर्ति, आइसोलेशन में लेट लतीफी और जांच में लापरवाही से बढ़ता गया है संक्रमण, अब ढिलाई पड़ रही है भारी । कोरोना संक्रमण से लड़ाई में प्रशासनिक आधकारी एकजुट नजर नहीं आए । स्वास्थ्य विभाग की रणनीति से निर्धारित लक्ष्य पूरा नहीं हुआ। संक्रमण की गति कुछ धीमी पड़ी तो अधिकारियों की कुर्सी को लेकर उठापटक चालू हो गई। प्रमुख अधिकारी कुर्सी बचाने के चाकर में भागदौड़ करते नजर आ रहे है ।
आधकारीयो कि लापरवाही से बढ़ी है चेन
1 – : दो दिन पहले कि बात है कोरोना संक्रमित मिली एक प्रसूता पहले संक्रमित की रिश्तेदार है। कॉन्टेक्ट हिस्ट्री पर सर्वे टीम कुछ दिन पहले प्रसूता के घर गई थी। परिजन कि जानकारी लिए बिना टीम को लौटा आई। संदिग्ध की जांच के प्रयास नहीं किया गया।
2 – : लॉकडाउन(Lockdown) के बीच इंदौर, भोपाल, पुणे सहित अन्य शहरों से निजी वाहनों से कई लोग शहर आए। जानकारी देने के बाद भी टीम उनके घरों में नहीं पहुंची।
3 – : चांदनी चौक, सर्वोदय नगर जैसे इलाकों में पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद संबंधित व्यक्ति को 12 से 20 घंटे बाद अस्पताल में आइसोलेट किया गया।
4 – : शुरुआत में क्वारंटीन सेंटर में संक्रमित मिले व्यक्ति के कॉन्टेक्ट में आए लोगों के साथ बाहर से आए संदिग्धों को साथ ठहराया गया।
5 – : संदिग्धों को अस्पताल लाने पर भी शुरुआत में जांच नहीं कराई गई।और घर वापस भेज दिया।जब तबियत बिगडऩे लगी तो जांच में पॉजिटिव मिला।
6 – : सिहोरा में बाहर से आए एक युवक को क्वारंटीन सेंटर में रखा गया। जांच रिपोर्ट का इंतजार किए बिना ही क्वारंटीन अवधि पूरी होने पर डिस्चार्ज कर दिया। बाद में जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई ।
7 – : संदिग्धों का पता लगाने के लिए कई बार सर्वे हुआ। क्षेत्र की जानकारी रखने वाले स्टाफ का सही उपयोग नहीं होने से अधूरी जानकारी मिली।
8 – कंटेनमेंट जोन में सर्वे के समय गर्भवती महिलाओं की पहचान कर जांच पर जोर दिया, जिससे अस्पताल आने से पहले संक्रमण की जानकारी मिले, पर ऐसा नहीं हुआ।
9 – : कुछ क्षेत्रों में लगातार कोरोना संक्रमित मिले।परन्तु शुरुआत में उन क्षेत्रों में सर्वे ठीक से नहीं हुआ। संदिग्धों की पहचान टाइम पर नहीं होने से संक्रमण बढ़ता चला गया।