नकली रेमडेसिविर मामला:एसआईटी ने 1311 पन्ने का पेश किया चालान.
- सरबजीत सिंह मोखा रेमडेसिविर मामले का मास्टरमाइंड।
- सिटी हॉस्पिटल जबलपुर को बनाया नकली इंजेक्शन बेचने का कारखाना।
- कोरोना की दूसरी लहर के समय तमाम मरीजों को लगाए है रेमडेसिविर।
मध्यप्रदेश/जबलपुर:- एमपी के जबलपुर में नकली रेमडेसिविर इंजेक्श मामले में आज एसआईटी ने 1311 पन्ने का चालान न्यायालय में पेश कर दिया जिसमें सिटी अस्पताल के संचालक सरबजीत सिंह मोखा सहित 11 आरोपी बनाए गए है जिसपर गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया गया है वहीं इस मामले में 190 गवाह है मामले की पहली सुनवाई 13 अगस्त को होगी।
सूत्रों के अनुसार नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन के मामले में एसआईटी ने लगातार लिखापढ़ी करते हुए चालान तैयार किया इसके बाद न्यायिक मजिस्टे्रट प्रथम अनुजा श्रीवास्तव की कोर्ट में पेश किया गया ये चालान यहां से डीजे कोर्ट में जाएगा जहां पर 13 अगस्त को पहली सुनवाई होगी एसआईटी द्वारा पेश किए चालान में सिटी अस्पताल के संचालक सरबजीत मोखा को मुख्य आरोपी बनाया गया है। उसके कहने पर ही नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन खरीदने से लेकर अस्पताल में लगवाने, मामला सामने आने के बाद उसे नष्ट कराने व बचने के लिए कम्प्यूटर बिल में हेरफेर करने के प्रमाण पेश किए गए हैं
गौरतलब है कि एक मई को गुजरात में नकली इंजेक्शन का भांडाफोड़ हुआ था जिसके बाद 6 मई की देर रात गुजरात पुलिस ने जबलपुर में दबिश देकर सपन जैन को गिरफ्तार किया इसके बाद सिटी अस्पताल के डायरेक्टर सरबजीत मोखा के कारनामे उजागर हुए जिस पर पुलिस ने अस्पताल के दवा कर्मी देवेश चौरसिया को गिरफ्तार कर 8 मई को उससे पूछताछ कि जिसके बाद उसने मोखा की पोल खोल दी।