सिहोरा : "लफ्ज़ वेलफेयर संस्था" के जन आंदोलन से अस्पताल प्रबंधन हुआ चुस्त, मानी गई सभी मांगें
- स्वास्थ्य सुविधाओं को सुधारने आगे आए थे सिहोरा नगर के युवा
- लाचार स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को लेकर “लफ्ज़ वेलफेयर संस्था” के युवा बैठे थे उपवास पर
- युवाओं ने लिया था अस्पताल में सुधार लेन का संकल्प, किया था “जन आंदोलन”
- मानी गई सभी मांगे, अब होगा सिविल अस्पताल में सुधार
सिहोरा/खाईद जौहर : मध्यप्रदेश के जबलपुर के अंतर्गत आने वाले सिहोरा शहर में सिविल अस्पताल की जटिल समस्याओं की सुधार की मांग को लेकर जन आंदोलन पर बैठे “लफ्ज़ वेलफेयर संस्था” के युवाओं का आंदोलन अब समाप्त हो गया है। दरअसल, गुरुवार देर शाम इस “संस्था” द्वारा सिविल अस्पताल के सुधार के लिए की गई सभी मांगों को मान लिया गया है, जिसके बाद उपवास पर बैठे सभी युवाओं ने अपना जन आंदोलन खत्म किया।
बताया जा रहा है कि “लफ्ज़ वेलफेयर संस्था” के धरना स्थल पर गुरुवार को विधायक नंदनी मरावी, CMHO रत्नेश कुरारिया, ज्वाइन डायरेक्टर संजय मिश्रा, और BMO दीपक गायकवाड पहुंचे थे, जहां एक लंबी बातचीत के दौर के बाद इस “संस्था” द्वारा की गई सभी मांगों को मान लिया गया और बीते 5 दिनों से उपवास पर बैठे युवाओं को भोज कराकर इनके उपवास को ख़त्म कराया गया।
“लफ्ज़ वेलफेयर संस्था” की इन सभी मांगे को माना
वहीं, इस पुरे मामले पर “लफ्ज़ वेलफेयर” के अध्यक्ष राहुल पहारिया ने आभार जताते हुए कहा कि मैं सिहोरा के समस्त क्षेत्र वासियों को सफलता की बधाई देता हूं। उनके आशीर्वाद, प्रेम और संघर्ष की जीत हुई है। सिहोरा को आदर्श बनाने का प्रण धीरे धीरे पूर्ण कराया जायेगा। उन्होंने कहा कि संकल्प उपवास जन आंदोलन जिसकी सपफता का श्रेय सिहोरा के लोगो का है, लफ्ज़ वेलफेयर_सिहोरा क्षेत्र वासियों की मदद करने में हमेशा आपके साथ रहेगा, आपका साथ हमेशा बना रहे यही कामना करते है।
राहुल पहारिया ने लफ्ज़ वेलफेयर सिहोरा आंदोलन में आए उपस्थित सम्माननीय CHMO रत्नेश कुरारियां, डायरेक्टर संजय मिश्रा, sdm आशीष पांडे, तहसीलदार राकेश चौरसिया, SDOP श्रुत कीर्ति ,टी आई सिहोरा गिरीश धुर्वे, समस्त डॉक्टर गण, विधायिका नंदनी मरावी एवं मंडल समस्त सदस्य,पूर्व विधायक दिलीप दुबे, पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा और उनके साथ पधारे जनप्रतिनिधि,राजेश चौबे, मीडिया के सभी साथी और अन्य पधारे सभी अतिथि जिन्होंने आंदोलन में भूमिका प्रदान की सभी को आभार जताया।
उन्होंने कहा कि इन सभी के प्रयास से सिहोरा की जनता ने आज अपनी मांगों को लेकर सफलता पाई हैं।
बता दे कि “लफ्ज़ वेलफेयर संस्था” का कहना था कि सिहोरा नगर पालिका क्षेत्र से लेकर अनेकों गांव के लोग सिहोरा सिविल अस्पताल में इलाज कराने प्रतिदिन आते हैं फिर भी इस शासकीय सिविल अस्पताल की समस्या जस की तस बनी हुई हैं। हर छोटी सी बीमारी को लेकर पीड़ित मरीज को जबलपुर मेडिकल रिफर कर दिया जाता हैं।
“संस्था” का कहना था कि कोविड-19, डेंगू, व अन्य बीमारियों से संबंधित डॉक्टर्स की उपलब्धता, प्राथमिक उपचार की मशीनें पर्याप्त मात्रा में नहीं है इसके कारण स्थानीय नागरिकों को जन हानी जैसी अमानवीय घटनाओं को सामना करना पड़ता है।
लेकिन सिविल अस्पताल की जटिल समस्याओं की सुधार का संकल्प लेने वाले इन सभी युवाओं का संकल्प पूरा हुआ, गुरुवार देर शाम इनकी सभी मांगे मान ली गई है।