Sidhi : अंग्रेजी शराब ₹800 की जगहें ₹1200 में, दुकान व गोदाम सीज होने के बावजूद ऐसे आ रहा है माल…
सीधी से गौरव सिंह की रिपोर्ट – कोरोना वायरस के संक्रमण के दौर में आम लोगों को भले ही जरूरत का सामान एकत्रित करने में परेशान होना पड़ रहा हो किंतु शुरा प्रेमियों को घर बैठे ही यह सुविधा मिल रही है। शराब का अवैध धंधा करने वाले इस मौके पर भरपूर फायदा उठा रहे हैं और शराब प्रेमियों को महगी शराबे परोस रहे हैं। आलम यह है कि ४० रुपए का मिलने वाला देशी पउआ ८० से १०० रुपए में मिल रहा हैं।
अंग्रेजी शराब की बोतलों में भी ३५ से ४० प्रतिशत की बढोत्तरी की गई हैं। घर तक पहुंचाने का अलग चार्ज भी वसूल रहे हैं। होम डिलेवरी करने में पुरुष शामिल है किंतु हैरानी की बात तो यह है कि शहर व आसपास के गांवो में इस संक्रमण के दौर में अवैध शराब की बिक्री करने में महिलाएं सक्रिय हैं। देर रात्रि दरवाजे पर दस्तक होती है तो अवैध शराब के कारोबार में लगी महिलाएं समझ जाती हैं कि कोई शराब खरीदने आया है और वे दरवाजा खोलने के साथ हांथ में पउआ थामें ही बाहर निकलती हैं और मुंहमांगी कीमत में शराब का पउआ पकड़ाकर दरवाजा बंद कर लेती हैं। किंतु इस कारोबार से आबकारी अमला जानबूझकर अनजान बना हुआ है।
दुकान व गोदाम सीज फिर कहां से आ रही शराब–
२२ मार्च को कर्फ्यू लागू किया गया जिससे इस दिन सभी देशी विदेशी शराब की दुकान एफ बार मजमा को भी बंद कर दिया गया। अगले दिन २१ दिन के लिए लांकडाउन घोषित कर दिया गया। जिस पर जिला दंडाधिकारी के द्वारा दो दिन बाद शराब की दुकान के खोलने पर भी बंदिश लगा दी गई। इस दौरान सिर्फ दुकानों को सीज किया गया, जबकि स्टोर को सीज करना प्रशासन भूल गया। जिसका फायदा उठाते हुए शराब कारोबारी स्टोर से शराब निकालकर अवैध कराबारियों के ठिकाने पर पहुंचा दिया गया। जब इस बात की भनक प्रशासन को लगी तो वह आबकारी अमले को भेजकर स्टोर को भी सील कर दिया गया। अब सवाल यह उठ रहा है जब करीब एक पखवाड़े से स्टोर व दुकान सील हैं तो अवैध शराब कारोबारियों तक शराब कहां से पहुंच रही है। इसमें आबकारी विभाग की भूमिका पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
यहां बिक रही अवैध शराब–
शहर व आसपास के गांवो में आसानी से शराब मिल रही है। जिसमें शहर के जमोड़ी चौक से पूर्व दो स्थान, विजय पेट्रोल पंप के बगल, देवनाड़ नाला के पास, पडऱा कमला कालेज के नजदीक जायसवाल दुकान, थनहवा टोला सहित अन्य स्थानों से खुलेआम शराब की बिक्री चालू है।
चार गुना ज्यादा दामों पर बिक रहे गुटखा–
राज्य सरकार के द्वारा तंबाखू उत्पादों पर रोक लगाने के उद्देश्य से प्रदेश में गुटखा बिक्री पर प्रतिवंध लगा दी है किंतु यह प्रतिवंध सिर्फ दिखावे का है हकीकत यह है कि जिले में गुटखा की बिक्री कभी भी नहीं रुकी है, हां गुटखा में तंबाखू न मिलाकर तंबाखू की अलग से पुडिया थमाई जाती है, जिसे लोग गुटखे में मिलाकर सेवन कर रहे हैं। इधर लॉकडाउन के दौरान मदिरा के साथ गुटखा पर भी प्रमुखता से प्रतिवंध लगाया गया है किंतु जिले में किराना की दुकानों व गुमटियां संचालकों के द्वारा खुलेआम गुटखा की बिक्री की जा रही है, जो गुटखा लॉकडाउन के पूर्व १० रुपए में बेंचा जाता था उसकी कीमत अब ४० रुपए कर दी गई है। २० अप्रैल के बाद गुटखा की बिक्री पर भी प्रतिवंधित रहेगी इसके कारण अब इसके रेट और भी दुकानदार बड़ाने जा रहे हैं और गुटखा प्रेमी मोटी कीमत चुकाकर अपनी नशे की लत को पूरा कर रहे हैं।