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मप्र सरकार के दो चेहरे, "जनता" के लिए कुछ, "जनप्रतिनिधियों" के लिए कुछ…!! जनता करे नियमों का पालन, जनप्रतिनिधि मनाएं "सियासी जलसे" आखिर क्यों??

मप्र सरकार के दो चेहरे, “जनता” के लिए कुछ, “जनप्रतिनिधियों” के लिए कुछ…!! जनता करे नियमों का पालन, जनप्रतिनिधि मनाएं “सियासी जलसे” आखिर क्यों??

द लोकनीति डेस्क:गरिमा श्रीवास्तव 
मध्यप्रदेश सरकार बार बार यह दावा कर रही है कि कोरोना को लेकर उनकी तैयारी पूरी है. एक दिन पूर्व ही ग्वालियर में दिवाली समारोह की तस्वीर और वीडियो सामने आये। जिसमे हज़ारों की संख्या में भाजपा के दिग्गज नेता और कार्यकर्ता मौजूद थे। एक तरफ जहाँ जनता से मास्क को लेकर चालान काटा जा रहा है तो वहीं जनप्रतिनिधि सियासी जमावड़े में व्यस्त हैं। 


अब एक बार फिर से  इंदौर शहर में जहां एक तरफ प्रशासन सख्त नजर आ रहा है चालान काटा जा रहा है तो व्ही जनप्रतिनिधि अपने जलसे में मस्त हैं. बढ़ते संक्रमण को देखते हुए सख्ती तो जरूरी है पर सवाल यह उठता है कि मप्र सरकार सिर्फ जनता पर ही सख्ती दिखाने की तैयारी में है? 

 इंदौर के देपालपुर का वीडियो सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हुआ जहाँ पर राजनैतिक जमावड़ा जुटाया गया था। एक तरफ जहाँ कोरोना को लेकर प्रशासन सख्ती दिखा रही है, तो वहीं जनप्रतिनिधि 2000 से भी ज्यादा लोगों की भीड़ जुटा कर अपने राजनैतिक जैसे में मस्त है। 
इस जमावड़े में न तो कहीं भी सोशल डिस्टन्सिंग दिखी न ही सभी लोगों के चेहरे मास्क से ढके थे।  इंदौर सांसद शंकर लालवानी भी इस कार्यक्रम में मौजूद थे।  

कांग्रेस एक बार फिर से हुई भाजपा के जमावड़े पर हमलावर:-
 देपालपुर की इस वीडियो को कांग्रेस ने पीएमओ पहुंचाया. इंदौर में जहां एक तरफ सबसे ज्यादा कोरोना संक्रमण फैल रहा है तो वही भाजपा इस तरह के सियासी जलसे कर रही है. भारतीय जनता पार्टी अपने राजनैतिक प्रोग्राम में 2000 से ज्यादा लोगों को इकट्ठा कर रही है. शंकर लालवानी ने सफाई देते हुए कहा कि आगे से कार्यक्रम में इस तरह की भीड़ नहीं जुटेगी.. 

सीधी में भी हुए राजनैतिक जलसे, न सोशल डिस्टैन्सिंग, न ही सभी के चेहरे पर मास्क :- 
सीधी जिले में भी जनप्रतिनिधियों और भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा सोशल डिस्टन्सिंग की खूब धज्जियाँ उड़ाई गयीं।सोनांचल महोत्सव में जन प्रतिनिधि मौजूद रहे पर यहां भी सोशल डिस्टेंसिंग देखने को नहीं मिला..
बड़ा सवाल यह उठता है कि क्या मध्यप्रदेश सरकार को अपने नेता नियमों का उल्लंघन करते हुए नहीं दिखाई देते हैं या फिर शिवराज के नेताओं ने कोई विशेष जड़ी बूटी का सेवन किया है जिससे कोरोना उन्हें छूकर भी नहीं जा सकता जो वह इस तरह के बड़े आयोजन कर रहे हैं। क्या कोरोना ने यह तय किया है कि उसका संक्रमण सिर्फ आम लोगों को होगा?

सियासी कार्यक्रमों में सोशल डिस्टेंसिंग कहीं नजर नहीं आ रहे हैं। शादी विवाह जैसे आयोजनों के लिए नियम बनाये गए हैं पर नेता अपने आयोजन में खूब भीड़ इकट्ठी कर रहे हैं।  
क्या सियासी जमावड़े और सियासी जलसे से कोरोना नहीं फैलता ????

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