पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए नमामि गंगे योजना का किया उद्घाटन, कहा "आज पैसा पानी में नहीं बहाया जाता है पानी पर लगाया जाता है"

पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए नमामि गंगे योजना का किया उद्घाटन, कहा आज पैसा पानी में नहीं बहाया जाता है पानी पर लगाया जाता है
नई दिल्ली / गरिमा श्रीवास्तव:-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए नमामि गंगे योजना का उद्घाटन किया.
इस दौरान पीएम ने कहा कि उत्तराखंड में उद्गम से लेकर पश्चिम बंगाल में गंगा सागर तक गंगा, देश की करीब-करीब आधी आबादी के जीवन को समृद्ध करती हैं। इसलिए गंगा की निर्मलता आवश्यक है, गंगा जी की अविरलता आवश्यक है. अगर गंगाजल की स्वच्छता को लेकर पुराने तौर-तरीके अपनाए जाते, तो आज भी हालत उतनी ही बुरी रहती।लेकिन हम नई सोच, नई अप्रोच के साथ आगे बढ़े। हमने नमामि गंगे मिशन को सिर्फ गंगा जी की साफ-सफाई तक ही सीमित नहीं रखा,बल्कि इसे देश का सबसे बड़ा और विस्तृत नदी संरक्षण कार्यक्रम बनाया.
सरकार ने चारों दिशाओं में एक साथ काम आगे बढ़ाया-
पहला- गंगा जल में गंदा पानी गिरने से रोकने के लिए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांटों का जाल बिछाना शुरू किया
दूसरा- सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट ऐसे बनाए, जो अगले 10-15 साल की भी जरूरतें पूरी कर सकें.
तीसरा- गंगा नदी के किनारे बसे सौ बड़े शहरों और पांच हजार गांवों को खुले में शौच से मुक्त करना
चौथा- जो गंगा जी की सहायक नदियां हैं, उनमें भी प्रदूषण रोकने के लिए पूरी ताकत लगाना.
आज नमामि गंगे परियोजना के तहत 30 हजार करोड़ रुपये की परियोजनाओं पर काम चल रहा है या पूरा हो चुका है।
आज पैसा पानी में नहीं बहता, पानी पर लगाया जाता है। हमारे यहां तो हालत ये थी कि पानी जैसा महत्वपूर्ण विषय, अनेकों मंत्रालयों और विभागों में बंटा हुआ था। इन मंत्रालयों में, विभागों में न कोई तालमेल था और न ही समान लक्ष्य के लिए काम करने का कोई स्पष्ट दिशा-निर्देश.
नतीजा ये हुआ कि देश में सिंचाई हो या फिर पीने के पानी से जुड़ी समस्या, ये निरंतर विकराल होती गईं। आज़ादी के इतने वर्षों बाद भी 15 करोड़ से ज़्यादा घरों में पाइप से पीने का पानी नहीं पहुंचता था।
पानी से जुड़ी चुनौतियों के साथ अब ये मंत्रालय देश के हर घर तक जल पहुंचाने के मिशन में जुटा हुआ है।आज जलजीवन मिशन के तहत हर दिन करीब 1 लाख परिवारों को शुद्ध पेयजल की सुविधा से जोड़ा जा रहा है। सिर्फ 1 साल में ही देश के 2 करोड़ परिवारों तक पीने का पानी पहुंचाया जा चुका है.
देश की किसानों, श्रमिकों और देश के स्वास्थ्य से जुड़े बड़े सुधार किए गए हैं।इन सुधारों से देश का श्रमिक सशक्त होगा, देश का नौजवान सशक्त होगा, देश की महिलाएं सशक्त होंगी, देश का किसान सशक्त होगा। लेकिन आज देश देख रहा है कि कैसे कुछ लोग सिर्फ विरोध के लिए विरोध कर रहे हैं.
आज जब केंद्र सरकार, किसानों को उनके अधिकार दे रही है, तो भी ये लोग विरोध पर उतर आए हैं।ये लोग चाहते हैं कि देश का किसान खुले बाज़ार में अपनी उपज नहीं बेच पाए। जिन सामानों की, उपकरणों की किसान पूजा करता है, उन्हें आग लगाकर ये लोग अब किसानों को अपमानित कर रहे हैं.