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Mann Ki Baat Live:- उत्सव और उत्साह के दौर में कोरोना की वजह से लोगों के अंदर अनुशासन भी है:- पीएम मोदी

Mann ki Baat Live:- उत्सव और उत्साह के दौर में कोरोना की वजह से लोगों के अंदर अनुशासन भी है:- पीएम मोदी

 नई दिल्ली / गरिमा श्रीवास्तव:- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज मन की बात कार्यक्रम के माध्यम से देश को संबोधित कर रहे हैं उन्होंने संबोधन में कहा कि यह त्यौहार का समय है और इस दौरान भी कोरोना की वजह से उत्सव और उत्साह के दौर में भी लोगों के अंदर अनुशासन है. 

आम तौर पर ये समय उत्सव का है। जगह-जगह मेले लगते हैं, धार्मिक पूजा-पाठ होते हैं। कोरोना के इस संकट काल में लोगों में उमंग और उत्साह तो है ही, मन को छू लेने वाला अनुशासन भी है.

 प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि सोफी और विदा जो कि  स्वान डॉग हैं उन्हें देश की सुरक्षा करने के लिए सम्मानित किया गया. 

 उन्होंने बताया कि बीते दिनों जब हम अपना स्वतंत्रता दिवस मन रहे थे, तब एक खबर पर मेरा ध्यान गया। ये खबर Indian Army के dogs सोफी और विदा की है।

सोफी और विदा को अपने देश की सेवा करते हुए अपना कर्तव्य बखूबी निभाने के लिए Chief of Army Staff Commendation Cards से सम्मानित किया गया है। 

 पीएम मोदी ने कहा कि हम बहुत बारीकी से अगर देखेंगे, तो एक बात अवश्य हमारे सामने आएगी- हमारे पर्व और पर्यावरण। इन दोनों के बीच एक बहुत गहरा नाता है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने खिलौनों को लेकर लोकल फॉर वोकल बनने की बात कही. उन्होंने कहा कि खिलौने जहां activity को बढ़ाने वाले होते हैं, तो खिलौने हमारी आकांक्षाओं को भी उड़ान देते हैं। खिलौने केवल मन ही नहीं बहलाते, खिलौने मन बनाते भी हैं और मकसद गढ़ने वाले भी होते हैं।हमारे देश में Local खिलौनों की बहुत समृद्ध परंपरा रही है। कई प्रतिभाशाली और कुशल कारीगर हैं, जो अच्छे खिलौने बनाने में महारत रखते हैं। भारत के कुछ क्षेत्र Toy Clusters यानी खिलौनों के केन्द्र के रूप में भी विकसित हो रहे हैं। 

Global toy industry, 7 लाख करोड़ से भी अधिक की है।

7 लाख करोड़ रुपयों का इतना बड़ा कारोबार, लेकिन भारत का हिस्सा उसमें बहुत कम है।

जिस राष्ट्र के पास इतने विरासत हो, परम्परा हो, क्या खिलौनों के बाजार में उसकी हिस्सेदारी इतनी कम होनी चाहिए?

 खिलौनों के साथ हम दो चीजें कर सकते हैं – अपने गौरवशाली अतीत को अपने जीवन में फिर से उतार सकते हैं और अपने स्वर्णिम भविष्य को भी संवार सकते हैं।

 प्रधानमंत्री मोदी ने किसानों का तहे दिल से धन्यवाद दिया और कहा कि ऋगवेद में मंत्र है- अन्नानां पतये नमः, क्षेत्राणाम पतये नमः

अर्थात अन्नदाता को नमन है। किसान को नमन है। किसानों ने कोरोना जैसे कठिन समय में अपनी ताकत को साबित किया है।

हमारे देश में इस बार खरीफ की फसल की बुआई पिछले साल के मुकाबले 7 प्रतिशत ज्यादा हुई है। 

 सितंबर माह को पोषण माह के रूप में मनाया जाएगा:-

 पीएम मोदी ने कहा कि हमारे यहां के बच्चे, हमारे विद्यार्थी, अपनी पूरी क्षमता दिखा पाएं, अपना सामर्थ्य दिखा पाएं, इसमें बहुत बड़ी भूमिका nutrition की भी होती है।

पूरे देश में सितम्बर माह को पोषण माह के रूप में मनाया जाएगा।

Nutrition के इस आंदोलन में people participation भी बहुत जरुरी है। 

जन-भागीदारी ही इसको सफल करती है। पिछले कुछ वर्षों में इस दिशा में, देश में काफी प्रयास किए गए हैं।

 प्रधानमंत्री मोदी ने यह बात भी कही कि भारतीयों के innovation और solution देने की क्षमता का लोहा हर कोई मानता है और जब समर्पण भाव हो, संवेदना हो तो ये शक्ति असीम बन जाती है। 

PM Modi ने कहा कि आज जब हम देश को आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास कर रहे हैं तो हमें पूरे आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ना है, हर क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भर बनाना है। असहयोग आंदोलन के रूप में जो बीच बोया गया था उसे अब आत्मनिर्भर भारत के वट वृक्ष में परिवर्तित करना हम सब का दायित्व है. 

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