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Jabalpur : PFT मशीन बना सरदर्द ,बढ़ा सकता है संक्रमण

 

  • निजी अस्पताल की पीएफटी मशीन से संक्रमण फैल सकता है 

जबलपुर के रानीताल में एक निजी अस्पताल में स्थापित पीएफटी (PFT) मशीन से यदि संक्रमण मरीजों तक पहुंचा होगा तो हालात बिगड़ जायगे। इस मशीन की सहायता से फेफड़े और सांस से जुड़ी बीमारियों का पता लगाया जाता है।

चिकित्सक ने अस्थमा, सीओपीडी (COPD ), सांस में तकलीफ समेत अन्य बीमारियों से परेशान कई मरीजों की पीएफटी जांच कराई थी। मशीन को सैनिटाइज कर अगले आदेश तक उसके प्रयोग पर रोक लगा दी गई है।  कोरोना (CORONA) वायरस संक्रमित 25 लोगों को सुखसागर मेडिकल कॉलेज अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कराया गया है।6  से ज्यादा संदिग्ध विक्टोरिया में भर्ती कराए गए हैं। जिनकी कोरोना (CORONA )की रिपोर्ट निगेटिव आई है।  जिस निजी चिकित्सक से कोरोना (CORONA ) के 12वें व 13वें मरीज ने चिकित्सीय परामर्श लिया था, सैंपल लेकर होम क्वारेंटाइन कर दिया गया  गया है। गुरुवार को एनआईआरटीएच (NIRTH ) से 38 सैंपल की रिपोर्ट जारी की गई। जिनमें 33 निगेटिव तथा 5 सैंपल की जांच अभी आना बाकि  है। 

जांच में होता है मुंह का उपयोग-
फेफड़ों की ताकत का पता लगाने के लिए पीएफटी (PFT ) जांच की जाती है।  जांच में प्रत्येक मरीज को एक उपकरण के जरिए मशीन तक मुंह से हवा पहुंचाइ जाती  है। चिकित्सकों का कहना है कि कोरोना(CORONA ) वायरस का संक्रमण यदि मशीन तक पहुंचा होगा तो उससे जांच कराने वाले सभी मरीज संदेह मे आ सकते है ।  निजी चिकित्सक ने बीते कुछ दिनों में जितने मरीजों का उपचार किया है , सभी का पता लगाकर स्क्रीनिंग की जा रही है।  मरीजों के मोबाइल नंबर मिल चुके हैं उनसे अधिकारी भी बात कर सेहत की जानकारी का जायजा ले  रहे हैं। डॉक्टर से उपचार कराने वाले मरीज भी भयभीत हो रहे हैं।

78 संदग्धि भर्ती
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मनीष मिश्रा ने कहा कि सुरेंद्र सोनी व सुशील राठौर के निकट संपर्क में रहने वालों की जानकारी लेकर परीक्षण किया जा रहा है। मेडिकल कॉलेज अस्पताल में कोरोना(CORONA ) वायरस पीड़ित 7 मरीज उपचाररत हैं। सुखसागर मेडिकल कॉलेज अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में 78 संदिग्धों को भर्ती  है।

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