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आख़िर सरकार से क्यों खफ़ा है पंचायत सचिव,क्या है बड़े आंदोलन की तैयारी ?? देखें video पढ़े पूरी ख़बर 

आख़िर सरकार से क्यों खफ़ा है पंचायत सचिव,क्या है बड़े आंदोलन की तैयारी ?? देखें video पढ़े पूरी ख़बर 

सचिव संघ सिहोरा ने CM शिवराज के नाम सौपा SDM को ज्ञापन ,गए दो दिन के समूहिक अवकाश पर | 

द लोकनीति डेस्क सिहोरा 

मध्यप्रदेश की 23 हज़ार ग्राम पंचायतों में पदस्थ सचिवों ने कोरोना काल के दौरान सरकार के हर आदेश को मानकर अपनी जान जोख़िम में डालकर अपना काम किया लेकिन पंचायत सचिवों की लम्बे समय से जायज माँगो को लेकर सरकार कोई ध्यान नहीं दे रही है | मालूम रहे कि सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ जन -जन तक पहुँचाने में सचिवों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है | पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग पंचायत सचिवों को ग्राम विकास की रीढ़ तो मानता है,लेकिन उनकी मांगो को लेकर कभी गंभीर नहीं रहता | सरकार के इसी रवैये को लेकर सचिवों में भारी आक्रोश है | उनका कहना है कि सरकार ने उनकी मांगो पर जल्द विचार नहीं किया तो वे उग्र आंदोलन के लिए मजबूर हो जायेंगे | 

 video देखने के लिए यहां click करे https://www.facebook.com/TheLoknitiSihora/videos/1186291068404646/

ये है पूरा मामला। …… 
 सचिव संघठन सिहोरा के अध्य्क्ष प्रमोद कुमार पांडे ने बताया कि मध्यप्रदेश पंचायत सचिव संघठन के आव्हन पर  अपनी मांगो को लेकर जनपद पंचायत सिहोरा के सभी पंचायत सचिव  दो दिन के सामूहिक अवकाश पर है। अपनी मांगो को लेकर मुख्यमंत्री ,पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग भोपाल को अनुविभागीय अधिकारी सिहोरा चंद्र प्रताप गोहिल को ज्ञापन सौपा है अगर समय रहते हमारी मांगो का निराकरण नहीं किया गया तो मध्य्प्रदेश पंचायत सचिव के बैनर तले सभी पंचायत सचिव उग्र आंदोलन के लिए मजबूर हो जायेंगे ,जिसकी सारी जवाबदारी शासन -प्रशासन की होगी | ज्ञापन सौपते समय सचिव  राम मिलन यादव, विनोद पटेल, विनोद तिवारी, प्रहलाद पांडे, गणेश गर्ग, भरत झारिया ,सुनील साहू, उदय भान शुक्ला, सबल सिंह बागरी, महेंद्र पटेल, राम शंकर विश्वकर्मा, जगमोहन पटेल, सुशील पटेल, पुरुषोत्तम यादव, प्रदीप यादव, अनिल दत्त तिवारी, ,भागचंद राय शामिल थे |    

ये है प्रमुख मांगें : मध्यप्रदेश के 23 हज़ार ग्राम पंचायतों में पदस्थ सचिवों को जिला संवर्ग से राज्य संवर्ग ,पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में संविलियन किया जावें। पंचायत सचिवो के लिये 01.04.2018 से लागू किये गये छठवें वेतनमान में सेवाकाल की गणना 2008 के बजाये , नियुक्ति दिनांक से की जाकर छठवें वेतनमान का निर्धारण पुनः शुद्ध रूप से किया जावें।  प्रदेश के पंचायत सचिवों को 7 वे वेतनमान का लाभ अध्यापक संवर्ग और अन्य संवर्गो को दिये गये दिनांक से स्वीकृत कर एरीयर सहित लागुकर भुगतान किया जावें। प्रदेश के अनुकंपा आश्रितो की नियुक्ति में सरकार के निर्णय व निर्देश के बगैर लागु की जा रही कम्प्युटर डिप्लोमा, रोस्टर, आमेलन की शर्तों को हटाकर दिवंगत सचिव के जाति संवर्ग में ही आवेदक आश्रितों को अनुकंपा नियुक्तिया प्रदान किये जाने हेतु सरलीकरण किया जावें। प्रदेश के 90 प्रतिशत पंचायत सचिव की नियुक्तियां 2005 से पूर्व की है, सरकार द्वारा 2005 के बाद नियुक्त होने वाले कर्मचारीयों को स्थाई पेंशन देना बंद किया हैं। 2005 से पूर्व नियुक्त समस्त पंचायत सचिव को स्थाई पेंशन लागू की जावें। प्रदेश के समस्त कर्मचरीयों को माह की एक तारीख को वेतन भुगतान हो जाता हैं। ट्रेजरी के ग्लोबल मद से कर्मचारीयों को भुगतान की व्यवस्था हैं पंचायत सचिवो को कभी 2 कभी 4 तो कभी 5 माह में वेतन दिया जा रहा हैं । नियमित वेतन ट्रेजरी के ग्लोबल मद से भुगतान करने की व्यवस्था लागु की जावें। स्थाई पेंशन लागु न हो तब तक रिटायर्ड होने वाले पंचायत सचिवों के लिये सेवा निवृति के समय 5 लाख रूपये सम्मान सुरक्षा निधि देने का प्रावधान किया जावें। कई जिलों में शासन के निर्देश के बगैर पंचायत सचिवों को लोकेशन ट्रेस करने के लिये जिले में ऐप चालु किये गये हैं, एक पंचायत में बहुत सारे गांव रहते है सचिवों की सर्विस कार्यालय के साथ फिल्ड की भी हैं। लोकेशन ट्रेस जैसे अनावश्यक एप राज्य शासन से प्रतिबंधित किये जावें।वर्ष 2013 में राज्य शासन ने पंचायत सचिवों को समन्वयक अधिकारी पद पर पदोन्नत कर प्रमोशन देने का निर्णय लेकर आदेश जारी किये गये थे आज 8 वर्ष बीत जाने पर भी पंचायत सचिव के पदोन्नति की कार्यवाही ठंडे बस्ते में पड़ी हैं। पंचायत सचिवो को पदोन्नत कर समस्त रिक्त समन्वयक अधिकारी पदो पर 100% पदोन्नत किया जावें। धारा 92 के नाम पर प्रदेश भर में पंचायत सचिव को प्रभार से वंचित कर उनका शोषण किया जा रहा हैं, कई जनपद सीईओ नियम विरुद्ध संविदा कर्मचारीयों, रोजगार सहायको को प्रभार दे रहे है, जबकि धारा 92 सिद्ध नही जाती सचिवों को सचिव प्रभार से वंचित न किया जावें और उन्हें सचिव प्रभार दिये जावें।

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