प्रशासनिक स्वीकृति देकर बजट जारी करना भूले अफसर, पांच करोड़ की योजना प्रभावित
- जिले में 200 पंचायतों में सामुदायिक शौचालय का निर्माण कराने 15 अगस्त तक डेडलाइन
- प्रत्येक सामुदायिक शौचालय की लागत 3.53 लाख रुपए
- बीस दिन बीतने के बाद भी पंचायतों को नहीं भेजी गई राशि रीवा से
रीवा से गौरव सिंह की रिपोर्ट : जिला पंचायत कार्यालय में कम्युनिटी टॉयलेट निर्माण के लिए अफसरों ने प्रशासनिक और तकनीकि स्वीकृत जारी करने के बाद लगभग पांच करोड़ की योजना में बजट जारी करना भूल गए हैं। जिससे टॉयलेट का निर्माण चालू होने के बाद बंद होने के कगार पर पहुंच गया है। जिले में 200 पंचायतों में पंद्रह अगस्त तक सामुदायिक शौचालय निर्माण किए जाने का लक्ष्य दिया गया है। मामले में जिपं सीइओ प्रगति की समीक्षा के दौरान निर्माण पूरा करने का टारगेट निर्धारित कर दिया है।
200 पंचायतों में होगा निर्माण
सरकार गरीब कल्याण रोजगार अभियान के तहत ग्रामीण क्षेत्र में 200 पंचायतों में सामुदायिक शौचालय निर्माण के लिए टारगेट दिया है। जिपं रेकार्ड के अनुसार गत 8 जुलाई को एस (प्रशासनिक स्वीकृति) एवं टीएस (तकनीकि स्वीकृति) दी है। जिले में पचास फीसदी पंचायतों में निर्माण कार्य शुरू कर दिए गए हैं। लेकिन, प्रशासनिक स्वीकृति जारी होने बाद आज तक अधिकतर पंचातायतों को बजट जारी नहीं किया गया। जिससे निर्माण कार्य प्रभावित हो गए हैं।
पंचायतों की ओर से जिला पंचायत कार्यालय को दी गई
पंचायतों की ओर से जिला पंचायत कार्यालय को दी गई सूचना के मुताबिक रीवा जनपद के रीठी गांव में काम प्रारंभ करा दिया गया है। लेकिन, बजट नहीं होने के कारण पिछले कई दिनों से काम बंद हो गया है। काम करने वाले श्रमिकों की मजदूरी नहीं मिल सकी है। इसी तरह रायपुर कर्चुलियान के दुआरी, नईगढ़ी जनपद के जोरौट और गंगेव में मदरी गांव में काम चालू हो गया है। लेकिन, बजट के अभाव में काम प्रभावित हो गया है। जिससे श्रमिकों में असंतोष है। बताया गया कि अफसरों ने पंद्रह अगस्त तक निर्माण कार्य पूरा कराने की डेडलाइन दी है।
प्रत्येक कम्युनिटी टॉयलेट की लागत 3.53 लाख
जिला पंचायत कार्यालय से जिम्मेदार अधिकारी संबंधित पंचायतों में बजट जारी नहीं कर रहे हैं। प्रत्येक कम्युनिटी टॉयलेट 3.53 लाख गरीब कल्याण रोजगार अभियान के तहत जिले में प्रत्येक कम्युनिटी टॉयलेट निर्माण के लिए 3.53 लाख रुपए का बजट निर्धारित किया है। जिसमें स्वच्छता मिशन के द्वारा 2.10 लाख रुपए। 90 हजार रुपए पंचायत को 14वां वित्त से उपयोग करना है। इसके अलावा 53 हजार मनरेगा से श्रमिकों के लिए राशि निर्धारित की गई है। एस-टीएस जारी होने के बाद आज तक बजट जारी नहीं किया गया है। मनमानी से जारी नहीं हो रही राशि
जिला पंचायत कार्यालय में विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों की मनमानी के चलते बीस दिन से अधिक समय बीतने के बाद भी बजट जारी नहीं किया जा सका है। ब्लाक समन्वयकों की ओर से जिला पंचायत कार्यालय के एसबीएम कार्यालय में जानकारी दी गई है। इसके बावजूद बजट जारी नहीं किया जा रहा है। मामले में मनरेगा के लेखाअधिकारी और जिला समन्वयक की मनमानी सवालों के घेरे में है।