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कानपुर राजकीय संरक्षण गृह मामले को लेकर मायावती ने योगी सरकार को घेरा,कही ये बात

कानपुर राजकीय संरक्षण गृह को लेकर मायावती ने योगी सरकार को घेरा,कही ये बात  

 कानपुर :- कानपुर राजकीय संरक्षण गृह में एक साथ कई महिलाओं का कोरोना पॉजिटिव पाया जाना और सात महिलाओं का गर्भवती पाया जाना अब राजनैतिक रूप ले चुका है. 

 बसपा नेत्री मायावती ने अब इस विषय पर योगी सरकार को घेरा है.. मायावती ने ट्वीट कर कहा कि कानपुर राजकीय संरक्षण गृह में काफी बहन-बेटियों के कोरोना संक्रमित होने व कुछ के गर्भवति होने की खबर से सनसनी व चिन्ता की लहर दौड़ना स्वाभाविक ही है जो पुनः साबित करता है कि यूपी में महिला सम्मान तो दूर उनकी सुरक्षा के मामले में सरकार उदासीन, लापरवाह व गैर-जिम्मेदार बनी हुयी है।

https://twitter.com/Mayawati/status/1275289277157400576?s=19

इससे पहले आजमगढ़ में दलित बेटी के साथ अन्याय के मामले में जब सरकार ने सख्त कार्रवाई की थी तो यह देर आए दुरूस्त आए लगा था, किन्तु सर्वसमाज की बहन-बेटियों के साथ लगातार होने वाली अप्रिय घटनाओं से स्पष्ट है कि आजमगढ़ की कार्रवाई केवल एक अपवाद थी, सरकार की नीति का हिस्सा नहीं।

https://twitter.com/Mayawati/status/1275289278843502592?s=19

अतः बीएसपी की माँग है कि यूपी सरकार कानपुर बालिका संरक्षण गृह के घटना की लीपापोती न करे बल्कि इसको गंभीरता से ले व इसकी उच्च-स्तरीय निष्पक्ष जाँच कराकर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे। साथ ही, यूपी के सभी बालिका गृह के व्यवस्था में अविलम्ब जरूरी मानवीय सुधार लाए तो बेहतर है।

https://twitter.com/Mayawati/status/1275289280533762048?s=19

 क्या था पूरा मामला:-

 उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े औद्योगिक केंद्र कानपुर के गर्ल्स शेल्टर होम में कोरोना विस्फोट हुआ है. साथ में गर्ल सेंटर होम की 7महिलाएं प्रेग्नेंट पाई गयीं. तो वहीं 1 महिला में एड्स पाया गया. जिसके बाद प्रशासन पर लोगों ने सवाल खड़े करने शुरू कर दी हैं. 

 प्रियंका गांधी वाड्रा ने इस विषय पर सरकार को घेरा है. 

प्रियंका गांधी ने लिखा कि मुजफ्फरपुर (बिहार) के बालिका गृह का पूरा किस्सा देश के सामने है. यूपी में भी देवरिया से ऐसा मामला सामने आ चुका है. ऐसे में पुनः इस तरह की घटना सामने आना दिखाता है कि जांच के नाम पर सब कुछ दबा दिया जाता है लेकिन सरकारी बाल संरक्षण गृहों में बहुत ही अमानवीय घटनाएं घट रही हैं.

 जिसके बाद डीएम ने सफाई दी है और कहा कि यह महिलाएं शेल्टर होम आने से पहले ही गर्भवती थी. डीएम ने ट्वीट किया कि कुछ लोगों द्वारा कानपुर संवासिनी गृह को लेकर ग़लत उद्देश्य से पूर्णतया असत्य सूचना फैलाई गई है. आपदाकाल में ऐसा कृत्य संवेदनहीनता का उदाहरण है. कृपया किसी भी भ्रामक सूचना को जांचे बिना पोस्ट ना करें. पहले संबंधित विषयों की पूरी जानकारी प्राप्त करें

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