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दिल्ली में बयानबाजी चरम स्तर पर/ केजरीवाल ने की महिलाओं से अपील पुरुषों से चर्चा कर डालें वोट, स्मृति का पलटवार

 

नई दिल्ली: दिल्ली में बयानबाजी रुकने का नाम नहीं ले रही है। एक बार फिर केजरीवाल के ट्वीट से बयानबाजी शुरू हो गयी है। दरअसल बात यह है कि दिल्ली विधानसभा में शनिवार को मतदान से पहले मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर महिलाओं से वोट डालने की खास अपील की और कहा- आप (महिलाएं) घर से पुरुषों को भी मतदान के लिए ले जाएं और पुरुषों से चर्चा करें कि किसे वोट देना चाहिए और किसे नहीं। इस पर केंद्रीय मंत्री और अमेठी की सांसद स्मृति ईरानी ने उन्हें घेरते हुए कहा कि केजरीवाल महिला विरोधी हैं। उन्होंने ये भी कहा कि क्या महिलाएं इतनी सक्षम नहीं हैं कि वे स्वयं निर्धारित न कर सकें कि किसे वोट देना या किसे नहीं। दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों के लिए मतदान जारी है, नतीजे 11 फरवरी को आएंगे।

मुख्यमंत्री केजरीवाल ने परिवार के साथ सिविल लाइंस में कड़ी सुरक्षा के बीच राजपुरा ट्रांसपोेर्ट अथॉरिटी में बने बूथ पर मतदान किया। साथ ही उनके बेटे ने भी पहली बार मतदान किया। इससे पहले उन्होंने महिलाओं से वोटिंग के लिए खास अपील भी की।

आज के समय में बयानबाजी का स्तर इतना गिर गया है कि कोई वजह हो या न हो फिर भी कमियां निकलना, भद्दे शब्दों का इस्तेमाल करना आम सी बात हो गयी है। आज की ही बात आपको बता दें कि केजरीवाल ने ट्वीट कर सभी महिलाओं को वोट डालने के लिए कहा और साथ ही यह भी कहा कि घर में पुरुषों से चर्चा करके वोट डालें। इसी बात को पकड़ कर हमारी मंत्री स्मृति ईरानी ने उनके इस बयान को पकड़कर कुछ और ही मतलब निकाल दिया। उन्होंने बोला कि क्या हमारी महिलाएं कमजोर हैं क्या उनमे निर्णय लेने की क्षमता नहीं है, जो आप ने महिलाओं के लिए ऐसा बोला। अब हमारे देश के नेताओं को कौन समझाए कि चर्चा करना मतलब कमजोरी नहीं होती। ऐसे ही भाजपा नेता मनोज तिवारी ने तो केजरीवाल के हनुमान चालीसा पढ़ने और मंदिर जाने पर भी बयानबाजी करते नजर आये। तिवारी जी ये न हनुमान चालीसा आपका है और न ही ये भगवान् जो आप सब पर उंगली उठाते घूम रहे हैं। तिवारी जी राजनीति करिये पर देश की जनता को भिड़ाने का प्रयास मत करिये। अगर देश को सुधारने के लिए राजनीति में आये हैं तो बयानबाजी नहीं विकास पर ध्यान दीजिये। 


 

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