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नई पहल! WhatsApp से 32 गांवों को जोड़कर ये महिला पुलिस अफसर लड़ रहीं है कोरोना से जंग

मध्यप्रदेश/शहडोल – कविट -19 संक्रमण को लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में फैल रही अफवाहों से निपटने एक महिला पुलिस अफसर ने अपनी पुलिस चौकी के 32 गांवों को सोशल मीडिया Whats App से जोड़कर इससे बचने का एक नायाब तरीका निकाला हैं। लगभग 10 पुलिसकर्मियों वाली बुढ़ार की केशवाही पुलिस चौकी की महिला कर्मचारी व प्रभारी वैष्णवी पांडेय ने WhatsApp पर एक ग्रुप बनाय हैं। जिसमे सभी गांवों के सरपंच, सचिव, रोजगार सहायक, आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता समेत ग्राम रक्षा समिति के सदस्यों को जोड़ा गया हैं।

शहडोल-अनूपपुर जिले की सीमा को तय करने वाले केशवाही पुलिस चौकी के भरोसे ग्रामीण क्षेत्र की सुरक्षा का बड़ा जिम्मा हैं। लॉकडाउन के दौरान इस मार्ग से बड़ी संख्या में मजदूरों का निकलना होता रहा। लेकिन अब क्षेत्र की सीमा को सील कर आवागमन करने वालों पर पैनी नजर रखी जा रही हैं।

सूचना मिलने पर पहुंच जाती है पुलिस : 

वैष्णवी पांडेय  ने कहा कि इस ग्रुप को बनाने से पहले सभी लोगों से पहले संपर्क किया फिर उन्हें जोड़ा। सबको हिदायत भी दी कि ग्रुप में कविट -19 से संबंधित जानकारी ही पोस्ट करी जाए। किसी ग्रामीण या मजदूर का अन्य जिला या राज्य से आना, संदिग्ध व्यक्तियों की सूचना, भ्रामक जानकारी या अफवाह। इस तरह की जानकारी को गांव के नाम समेत अन्य जानकारियों के साथ तत्काल पोस्ट करने का निर्देश दिया। वैष्णवी पांडेय ने कहा कि ग्रुप बनने से गांवों में होने वाली सभी गतिविधियों की जानकारी मिलने से पुलिस अब वहां तत्काल पहुंच जाती हैं। वैष्णवी पांडेय  ने कहा  कि लोगों की मदद से कोरोना संक्रमण से जंग जारी है।

केशवाही कोरोना फाइटर्स के नाम से ग्रुप बना लोगों को जोड़ा

एसआई (SI) वैष्णवी पांडेय ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान लगातार झूठी अफवाहों के कारण पुलिस परेशान हो रही है और ग्रामीणों में भय हैं। इसे देखते हुए मैंने चौकी के 32 गांवों को जोड़ने का निर्णय लिया। वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन से मैंने WhatsApp में केशवाही कोरोना फाइटर्स के नाम से एक ग्रुप बनाया हैं।

एकमात्र महिला अपराध की देखरेख कर, रात्रि गश्त चुनौती है 

धनपुरी क्षेत्र में सभी महिला अपराधों की देखरेख की जिम्मा वैष्णवी के पास हैं। धनपुरी में बुढ़ार, धनपुरी, अमलाई, खैरहा, केशवाही, जैतपुर और झींकबिजुरी पुलिस आती हैं। इसके लिए उन्हें संबंधित थाना जाना होता हैं। वहीं रात्रि के समय गश्त में भी कई बार की समस्याओं का सामना करना पड़ जाता हैं।

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