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MP की राजनीति में हलचल, बीजेपी MLA त्रिपाठी की मंत्री जीतू पटवारी से मुलाकात

MP की राजनीति में हलचल, बीजेपी MLA त्रिपाठी की मंत्री जीतू पटवारी से मुलाकात

भोपाल: मध्य प्रदेश में बीजेपी की मुश्किलें अभी तक कम नहीं हो रही है, हाल ही में बीजेपी पवई विधायक की सदस्यता खत्म हो चुकी है , वही चंद महीने पूर्व विधानसभा में क्रॉस वोटिंग के दौरान बीजेपी विधायक शरद कॉल और नारायण त्रिपाठी के रवैया ने तब बीजेपी की चिंता बढ़ा दी थी, लेकिन हाल ही में शरद को ले कहा था कि वे भाजपा के सदस्य हैं लेकिन प्रदेश सरकार के काम से संतुष्ट हैं और विकास को लेकर मुख्यमंत्री कमलनाथ के साथ हैं|
 
दूसरी तरफ एक बड़ी खबर सामने आ रही है कि बुधवार को मैहर से विधायक नारायण त्रिपाठी ने मंत्री जीतू पटवारी से उनके बंगले पर पहुंचकर मुलाकात की ,आपको बता दें कि प्रदेश में फिलहाल वर्तमान सियासी हलचल के बीच अब बीजेपी विधायक त्रिपाठी की मंत्री से मुलाकात होने पर सियासत लगभग गरमा चुकी है
बरहाल विधायक नारायण त्रिपाठी ने मंत्री जीतू पटवारी से मुलाकात तो कर ली है ,लेकिन दोनों के बीच करीब 1 घंटे तक मुलाकात में क्या बातें हुई यह तो उन बंद कमरों की दीवारों ने ही सुना होगा ,लेकिन इसके बाद मीडिया के सामने आए विधायक नारायण त्रिपाठी ने कहा कि “वे अपने क्षेत्र के विकास के लिए पूर्व मंत्री से मिलने पहुंच गए थे किसान कर्ज माफी को लेकर भी त्रिपाठी ने काफी सवाल उठाए वहीं जीतू पटवारी ने कहा कि विधायक अपने क्षेत्र के विकास से जुड़े मामले को लेकर आए थे”


 बता दें कि जब विधानसभा में शरद कोल और नारायण त्रिपाठी ने क्रॉस वोटिंग की थी तो वह काफी चर्चा में थे दोनों विधायक बीजेपी का साथ छोड़ देंगे ऐसा कयास लगाए जा रहे थे और कांग्रेस पार्टी ने भी भरपूर कोशिश की कि यह दोनों विधायक उनके पाले में आ जाएं शरद कोल खुले मन से कह दिया कि वे भाजपा में ही हैं जब झाबुआ चुनाव से पहले बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि नारायण त्रिपाठी बीजेपी में ही है इसी दौरान त्रिपाठी भी शामिल थे |

बड़ा सवाल???????
नेता विधायक और मंत्रियों का पार्टी दल बदलना तो भारत में चलता ही रहता है, सब अपने स्वार्थ की राजनीति और रोटियां सेकने में लगे रहते हैं, फिलहाल  सेवाभाव और सिद्धांत वाली राजनीति देश प्रदेश में लापता होती जा रही है
लेकिन जनता जो जनार्दन है उसका क्या उसने तो अपना “नेता” तो नेताजी को चुन लिया था, अब “नेताजी”की खुद की सेटिंग नहीं बनी तो पार्टी छोड़ दी ऐसे कई उदाहरण दिए जा सकते हैं |

मध्यप्रदेश की राजनीतिक स्थितियां
मध्यप्रदेश में 15 साल की भाजपा सरकार के बाद अब कांग्रेस सरकार को सत्ता हासिल हुई है जिसे सीएम कमलनाथ चला रहे हैं, वह ना सिर्फ सरकार चला रहे हैं बल्कि विपक्ष को भी कमजोर करते नजर आ रहे हैं क्योंकि सीएम कमलनाथ का कुछ दिन पूर्व का वह बयान जिसमें उन्होंने कहा था कि 2 से 3 सीट हमारे पास अभी और आएंगी उनके इस बयान को मंत्री जीतू पटवारी विधायक त्रिपाठी की मुलाकात से भी देखा जा रहा है | 

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