ख़ुशी के बीच झलका "अब्दुल जब्बार" के परिवार का दर्द, सरकार को लेकर कही ये बात

भोपाल से खाईद जौहर की रिपोर्ट – अपनी आखिरी सांस तक भोपाल गैस पीड़ितों के लिए लड़ने वाले अब्दुल जब्बार को सरकार पद्मश्री देने जा रही हैं। गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर सरकार ने पद्म पुरस्कार पाने वाले नामों की घोषणा की। जिसमें राजधानी भोपाल के अब्दुल जब्बार भी शामिल हैं। जिन्होंने दिन रात
गैस पीड़ितों की सेवा की।
सरकार के इस ऐलान के बाद परिवार को जहां एक तरफ खुश है तो दूसरी तरफ चिंता से भी घिरा हुआ हैं। चिंता रोटी की, रोजी की और परिवार को चलाने की।
अब्दुल अब्बार की पत्नी ताहिरा बानो ने पद्मश्री की घोषणा पर कहा कि हमें बहुत खुशी हैं। उन्होंने भूखे प्यासे रहकर भी पूरा जीवन गैस पीड़ितों की सेवा के लिए लगा दिया। रात में फोन आता था तो भी वे चले जाते थे। कहते थे पहले काम है बाद में परिवार। उन्होंने कहा कि अब तो जीना मुश्किल होता जा रहा हैं।अब बस एक ही इच्छा है कि मुझे सरकारी नौकरी मिल जाए तो परिवार का पोषण कर सकूं।
वहीं, अब्दुल जब्बार के छोटे भाई ने कहा कि जिस संगठन को खड़ा करने में भाई ने सालों लगा दिए वह भी अब साथ नहीं दे रहा है, मेरा होटल भी बंद हो गया हैं। सरकार ने न हम लोगों की पहले मदद की और न ही अब कोई उम्मीद हैं। बच्चों की पढ़ाई का खर्च भी नहीं उठा पा रहे हैं।
गौरतलब है कि अब्दुल जब्बार के गुज़र जाने के बाद घर में कमाई का कोई साधन नहीं बचा। सरकार ने भी परिवार की कोई मदद नहीं की। छोटे भाई का होटल भी बंद हो चूका हैं। अब्दुल जब्बार के गुज़र जाने के बाद इस परिवार में पहली बार एक खुशी की खबर ज़रूर आई हो। लेकिन इस भावुक और खुशी के पल के बीच एक दर्द भी दिखाई दे रहा हैं।