सभी खबरें

12वी में हुए थे फेल आज हैं आईपीएस अधिकारी

ख़ुदी को कर बुलंद इतना कि हर तक़दीर से पहले 
खुदा खुद बन्दे से पूछे बता तेरी रजा क्या हैं

क्या आपने कभी सुना है  कि एक 12वी फेल लड़का जो कभी किसी के घर में कुत्ते घुमाने का काम करता था वह आईपीएस अधिकारी कैसे बन गया ?

मध्यप्रदेश के मुरैना जिले की खबर जो एक प्रेरणादायक व्यक्ति के बारे में बताती है
आईपीएस बनने का सपना तो देश में हर युवा देखते हैं पर सफलता कम लोगो को हासिल हो पाती हैं। संघ लोक सेवा आयोग की इस परीक्षा को अत्याधिक कठिन परीक्षा माना जाता हैं जिसके लिए कठोर  परिश्रम करना पड़ता  है। परिश्रम के साथ-साथ व्यक्ति की स्थिति, व्यवस्था व परिस्थितयाँ अगर अनुकूल ना हो तो परिस्थितयाँ को बदल दें उस इंसान के सफलता भी कदम चूमती हैं।

क्या आपने कभी सुना है  कि एक 12वी फेल लड़का जो एक समय किसी के घर मे जाकर उनके कुत्ते घुमाने का काम करता था वह अचानक कैसे आईपीएस अधिकारी कैसे बना गया

मनोज बारहवीं कक्षा में मात्र हिंदी को छोड़ कर सभी विषयों में फेल हो गए थे। गांव के लोग अंचभित थे और उनके समस्त मित्र भी उन्हें चिढ़ाने लगें थे । पर मनोज ने कभी हिम्मत नहीं हारी और मेहनत करने के बाद 12वी पास करके ग्वालियर से पोस्ट ग्रेजुएशन कर पीएचडी भी पूरी की। उन्होंने चौथे प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा 121 वीं रैंक के साथ पास की।
 

आखिरकार कैसे आया आईपीएस बनने का ख्याल
मनोज शर्मा बताते है कि जब वे बारहवीं कक्षा की फाइनल परीक्षा देने गये तब उन्हे उम्मीद थी कि वह नक़ल कर के पास हो जायेगें पर वह नकल नही कर पाये और उदास हो कर बैठ गये। तब ही अधिकारी के आने की खबर सुन कर स्कूल के प्राचार्य सहित समस्त स्टाफ अधिकारी के आगे पीछे होने लग गये हैं। यह देखकर मनोज के दिमाग में सवाल आता है कि ये कौन से अधिकारी हैं जिसके सामने प्राचार्य भी झुक रहें हैं। तब उन्हें पता चला कि इस पद को हासिल करने के लिये लोक सेवा आयोग की परीक्षा को निकलना पड़ता है ।
तब से ही मनोज के आईपीएस अधिकारी बनने का सफर शुरू हो जाता है।

मनोज ने बताया कि वह अपने संघर्ष काल में अपने भाई के साथ मिल कर रिक्शा चलाया करते थे, जो उनकी आय का एक मात्र साधन था। उसके बाद वह अपने सपने को पूरा करने के लिये वह दिल्ली आ तो गये पर मन में एक चिंता थी कि वह दिल्ली में रहने, पढ़ने और खाने के लिये पैसे कहाँ से लाएगें। पर कहा जाता है कि जिनके सपनो में जान होती है उसे पूरा करने के लिये पूरी कायनात भी एक हो जाती हैं।  उन्हे एक काम मिला जिसमें वह कुत्ते को घुमाया करते थे और एक पुस्तकालय में भी नौकरी कर के पैसे इक्टठा किया। इसके बाद मनोज ने कोचिंग इंस्टिट्यूट में दाखिला लेकर कड़ी मेहनत कर के  कुमार ने कोचिंग में अपनी इज़्ज़त बनाई।

कहते है ना कि प्यार में तो अच्छे अच्छे  फिसल जाते है ऐसा ही कुछ मनोज कुमार के साथ भी हुआ। कुमार ने मेहनत कर के पहले एटेम्पट को क्लियर तो कर लिया पर अचानक एक दिन कोचिंग की एक लड़की से प्रेम हो गया। प्रेम के आते ही मन विचलित हो गया और अगले एटेम्पट में असफल हो गये। अब उनके सामने दो चुनौतियाॅ खड़ी हो गयी थी। अब उन्हे अपना प्यार हासिल करने के लिये भी पास होना जरुरी हो गया था। फिर उन्होंने मेहनत कर के  अखिरकार मनोज कुमार शर्मा ने अपना लक्ष्य हासिल कर ही लिया।

कई बार भारत के हज़ारो युवा भूल जाते हैं की जीवन के लिए परीक्षा है या परीक्षा के लिए जीवन और परीक्षा का परिणाम अनुकूल न आने पर गलत कदम उठा लेते हैं, वह ये भूल जाते है कि अगर एक बार में सफलता हासिल नहीं हो पाए तो कोई बात नहीं दूसरी बार फिर कठिन प्रयास करके सफलता को हासिल कर ही लेंगे।
मनोज कुमार शर्मा ने इन सभी युवाओ को एक नई शिक्षा दी हैं कि हमें कभी भी हार नहीं मानना चाहिए अगर  स्थिति व् परिस्थितियाँ  अनुकूल ना हो तो कड़ी मेहनत करे और अपने  हौसले को बुलंद रखेंगे तो दुनिया की हर मंज़िल को हासिल कर सकते हैं।  बस अपने आप  पर  आत्मविश्वास और  भरोसा रखें मेहनत करते रहें एक ना एक दिन सफलता जरूर आपके कदम चूमेगी । 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Back to top button