लटेरी के आनंदपुर आयुर्वेदिक चिकित्सालय में दिखा अनियमितता का आलम, अक्सर अपने कार्य से नदारद रहती हैं शीर्ष अधिकारी
प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर भले ही बड़े-बड़े दावे होते रहते हैं। परंतु जब हम आपको इन बड़े दावों की हकीकत से रूबरू करवाते हैं। तब यह बात खुलकर सामने आती है की शासन प्रशासन की कथनी व करनी में कितना अंतर हैं। इसी से जुड़ा हुआ एक ताजा उदाहरण हम आपको बताने जा रहे हैं। शासकीय आयुर्वेदिक औषधालय आनंदपुर का जहां पर की चिकित्सक अधिकारी की अनियमितता का इतना आलम है कि वह स्वयं ही अस्पताल में सेवा हेतु उपस्थित नहीं रहती।
चिकित्सक अधिकारी का नाम श्वेता जैन हैं। श्वेता जैन शासकीय आयुर्वेदिक विद्यालय चिकित्सक अधिकारी के पद पर आसीन हैं। परंतु उनकी उपलब्धता औषधालय में मरीजों को नहीं मिल पाती। औषधालय में कार्य की बात करें तो वहां पर कार्य करने के लिए महिला स्वास्थ्य करता श्रीमती विष्णु शर्मा हालांकि नियमित समय पर औषधालय खोलती हैं। उनकी मातहत अधिकारी श्वेता जैन वहां नदारद रहती हैं इसके साथ ही साथ यहां अनियमितता का यह आलम है कि ना तो भवन में अधिकारियों के नाम वह मोबाइल नंबर लिखे गए हैं।
इसके साथ ही साथ बहुमूल्य दवाइयों के कार्टून भी खुले में रखे गए हैं। जब आज द लोकनीति ने इस आयुर्वेदिक चिकित्सालय का जायजा लिया तो अनियमितताएं प्रमुखता से दिखाई दी जब इस बारे में हमने चिकित्सालय अधिकारी विदिशा से फोन पर बात करें और यह अनियमितता बताएं तो उन्होंने चिकित्सा अधिकारी के अनुपस्थिति पर बताया कि वह किसी भी तरह के अवकाश पर नहीं गई है एवं उनके अनुपस्थित होने पर उपस्थिति रजिस्टर मंगा कर कार्यवाही की जाएगी।
चलिए यह तो बात हो गई अधिकारी महोदय के हमारे द्वारा प्रश्न पूछने के एवज में दिए गए आश्वासन की। हम भी यही चाहेंगे कि जल्द से जल्द इस अनियमितता को दुरुस्त किया जाए और जल्द से जल्द ग्रामीणों को चिकित्सालय के संपूर्ण स्टाफ की सेवा मिल सके जिस वजह से इसे मनाया गया हैं।
द लोक नीति के लिए विदिशा लटेरी से हमारे संवाददाता कमलेश जाटव की रिपोर्ट।