खंडवा लोकसभा सीट दावेदारी : अरुण यादव ने तोड़ी चुप्पी, कमलनाथ को लेकर कही ये बात, हलचल तेज़
मध्यप्रदेश/खंडवा : मध्यप्रदेश में तीन विधानसभा सीटों और एक लोकसभा सीट पर जल्द ही उपचुनाव होना हैं। इन उपचुनावों को लेकर प्रदेश कांग्रेस ने इसकी तैयारी तेज़ कर दी हैं। इन सभी सीटों पर अब दावेदारों ने अपनी दावेदारी ठोकना शुरू कर दी हैं। लेकिन सबसे ज़्यादा नज़रे इस समय खंडवा लोकसभा सीट पर टिकी हुई हैं।
दरअसल, खंडवा लोकसभा सीट से पूर्व सांसद व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रहे अरुण यादव दावेदार मानें जा रहे हैं। इस सीट से अरुण यादव की तगड़ी दावेदारी मानी जा रही हैं। हालांकि अरुण यादव को लेकर कमल नाथ सहज नहीं हैं। दरअसल, अरुण यादव की कथित नाराजगी की कई वजह हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ ने कहा था कि सर्वे के आधार पर टिकट दिया जाएगा, जबकि अरुण यादव खंडवा के जमीनी नेता हैं। वे यहां से सांसद रहे हैं। केंद्रीय मंत्री भी बने। उनका प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का साढ़े चार साल का कार्यकाल रहा। अगर उन्हें चुनाव में उतरने का आश्वासन मिलता तो वे तैयारी में जुट जाते। अब जो वक्त तैयारी का है, संगठन उसे अंदरुनी सियासत में जाया कर रहा हैं।
वहीं, इस मामले में अरुण यादव ने कहा है कि मैं फिलहाल क्षेत्र में हूं। जनता की सेवा में लगा हूं, लेकिन मैं भी चाहता हूं कि खंडवा का टिकट सर्वे से तय होना चाहिए। सर्वे में जिसका भी नाम आए पार्टी उसे प्रत्याशी बनाए। उन्होंने पार्टी स्तर पर मतभेद से इंकार कर दिया।
मालूम हो कि 29 जुलाई को कमलनाथ ने बड़ी बैठक बुलाई थी, जिसमे अरुण यादव शामिल नहीं हुए थे, जिसके बाद ये कहा जा रहा था कि वो पार्टी से नाराज़ चल रहे हैं। हालांकि, जब उनसे इस पर सवाल किया गया तो इस पर उन्होंने कहा कि वे 29 जुलाई को बैठक में पारिवारिक कारणों से भाग नहीं ले पाए थे।उनकी 29 और 30 जून को दिल्ली में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ से भी चर्चा हो चुकी थी।
बता दे कि बदली स्थितियों में टिकट को लेकर निर्दलीय विधायक सुरेंद्रसिंह शेरा ने उनकी पत्नी जयश्री सिंह के लिए टिकट मांगा हैं। बड़वाह से विधायक सचिन बिरला व खरगौन से विधायक रवि जोशी के नाम की चर्चा है। इधर दिग्विजय खेमे की विधायक झूमा सोलंकी ने इस सीट से आदिवासी उम्मीदवार बनाने की मांग उठा दी हैं। बहरहाल अब इस सीट से टिकट किसको मिलता है ये तो आने वाला समय ही तय करेगा।