MP Politics : कमलनाथ ने खोला बड़ा राज, बोले सिंधिया नहीं बल्कि दिग्विजय सिंह पर ज्यादा भरोसा करने के कारण गई सरकार
भोपाल
कमलनाथ ने आखिरकार मान ही लिया कि दिग्गी राजा यानि कि पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय पर उनका हद से ज्यादा विश्वास मध्यप्रदेश में कांग्रेस को ले डूबा। उन्होंने आज तक से बातचीत करते हुए कहा कि उन्हें लगा था कि दिग्विजय सिंह पार्टी और उनके विधायकों को अच्छे से समझते हैं लेकिन शायद दिग्गी राज से बड़ी भूल हो गयी थी।
दिग्गी थे सभी विधायकों के सम्पर्क में
पूर्व सीएम कमलनाथ ने बताया कि दिग्विजय सिंह के हर विधायक से तकरीबन दिन में 2 से तीन बार बात हो रही थी। और उन्होंने सीएम को आस्वश्त किया था कि कोई भी विधायक पार्टी छोड़कर नहीं जायेगा आप निश्चिंत रहे। और यही निश्चिन्तता कांग्रेस को ले डूबी। आगे उन्होंने बताया कि सिंधिया के बागी होने कि जानकारी उन्हें लोकसभा चुनावों के बाद से ही थी लेकिन सभी विधायक उनके समर्थन में थे इसलिए उन्हें कभी लगा ही नहीं कि सरकार गिर जाएगी।
सिंधिया पर क्या बोले
ज्योतिरादित्य सिंधिया लंबी खींचतान के बाद कांग्रेस छोडकर भाजपा में शामिल हो गए थे। उनके साथ उनके पन्द्रह विधायक भी भाजपा से मिल गए थे जिसके बाद मध्यप्रदेश में कांग्रेस सरकार गिर गई थी। सिंधिया पर बोलते हुए उन्होंने कहा, “जहां तक ज्योतिरादित्य सिंधिया का सवाल है, मुझे पता था कि लोकसभा चुनाव हारने के बाद वह जुलाई से बीजेपी के संपर्क में हैं। वह इस तथ्य को कभी पचा नहीं पाए कि वह एक लाख से अधिक वोटों से लोकसभा चुनाव हार गए और वो भी उस उम्मीदवार से जो कांग्रेस का साधारण कार्यकर्ता था और जिसे बीजेपी ने अपने पाले में लेकर उनके खिलाफ चुनाव में उतारा था। सिंधिया अपनी हार के बाद बीजेपी के संपर्क में थे, लेकिन बीजेपी की राज्य इकाई ने उन्हें कभी नहीं चाहा। लेकिन बीजेपी अंततः उन्हें ले गई क्योंकि बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व किसी भी कीमत पर मध्य प्रदेश से दूसरी राज्यसभा सीट चाहता था।
अभी भी उम्मीद बाकी
आने वाले समय में अपने दोबारा सीएम बनने के सवाल पर उन्होंने कहा कि, “यह आंकड़ों का खेल है। अभी हमारे पास 92 विधायक और उनके पास 107 हैं। 24 सीटों के लिए उपचुनाव होने हैं, इसलिए हमें उनमें से कम से कम 15 सीटें बीजेपी के बराबर आने के लिए जीतनी होंगी। फिर बाकी 7 विधायक पिक्चर में आते हैं, जिनमें 4 निर्दलीय, दो BSP और एक SP से हैं. और अभी स्थितियां ऐसी हैं कि हम 15 से ज्यादा सीटें जीतेंगे. सिंधिया और शिवराज प्रचार करने में समर्थ नहीं हो पाएंगे।”
कोरोना के बाद काफी दिक्कतें होंगी
किसानो के मुद्दे पर बात करते हुए उन्होंने बोला कि “लॉकडाउन का एक सीधा असर है आर्थिक गतिविधियों में कमी. और इसका देशभर में ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर तबाही वाला असर पड़ रहा है। किसानों को अपनी सब्जी की उपज नष्ट करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है, क्योंकि उसके लिए कोई बाजार नहीं है. न ही उन्हें सरकार से कोई मदद मिल रही है।”
अर्थ्यव्यस्था पर बोले कि “छिंदवाड़ा में ब्रिटानिया के स्वामित्व वाली बिस्किट की एक फैक्ट्री है, मैंने उसके ऑपरेटर को फैक्ट्री शुरू करने के लिए फोन किया, ताकि लोगों का रोजगार न छिने, लेकिन मुझे हैरानी हुई जब फैक्ट्री प्रबंधन ने मुझे बताया कि वो फैक्ट्री शुरू नहीं कर पाएंगे, क्योंकि बिस्किट की फिलहाल मांग ही नहीं है। इसी तरह दोपहिया वाहन जैसी बहुत सी औद्योगिक इकाइयां हैं, जो विकास के लिए ग्रामीण आर्थिक गतिविधियों पर निर्भर हैं। दोपहिया वाहनों की अधिकतम मांग ग्रामीण क्षेत्रों से है. और ऐसी स्थिति में जब किसानों को सड़कों पर अपनी फसल को डंप करने के लिए मजबूर किया जाता है, लॉकडाउन खत्म होने के बाद भी काफी देर तक उसका असर महसूस किया जाने वाला है।”
भोपाल से गौतम कुमार की रिपोर्ट