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सिहोरा : आयुर्वेद की डिग्री,एलोपैथी से किया जा रहा था क्लीनिक में मरीजों का इलाज

सिहोरा : आयुर्वेद की डिग्री, एलोपैथी से किया जा रहा  था क्लीनिक में मरीजों का इलाज

सिहोरा सरकारी अस्पताल के सामने श्रीयम क्लीनिक का मामला ,SDM के निर्देश पर डॉक्टरों की टीम ने की कार्यवाही….
द लोकनीति डेस्क जबलपुर(सिहोरा)

जबलपुर(सिहोरा)
आज के कोरोनो काल में जहाँ डॉक्टरों को भगवान माना जा रहा हैं, क्योंकि दिन -रात सरकारी अस्पताल में लगातार डॉक्टर अपनी सेवाएं देकर अपना धर्म औऱ कर्म निभा रहे हैं, लेकिन आज भी भारत में स्वास्थ सेवाओं को लेकर गोरख- धंधा अपने चरम पर है। मध्यप्रदेश के जबलपुर ज़िले की सिहोरा तहसील में एक ऐसा मामला सामने आया है जहां डॉक्टर के पास डिग्री तो आयुर्वेद की थी लेकिन भाई इलाज एलोपैथी पद्धति से कर रहा थे।
वही आज भी ग्रामीण इलाकों में झोलाछाप डॉक्टर ग्रामीण औऱ ग़रीब लोगों को लूट रहें हैं। लेकिन शासन-प्रशासन एकदम मौन हैं। इस पर न तो कोई योजना हैं लेकिन नियम जरूर ठोस बना लिए गए हैं….
यह है पूरा मामला..????
सिहोरा सरकारी अस्पताल के सामने श्रीयम क्लीनिक का मामला 
SDM के निर्देश पर डॉक्टरों की टीम ने की कार्यवाही….
सिहोरा सिविल अस्पताल के इंचार्ज मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर आर. पी. त्रिपाठी के मुताबिक

श्रीयम क्लीनिक डॉ आशीष शुक्ला के पास जो हमनें डिग्री की जाँच की तो उसमें उनके पास केवल आयुर्वेद की डिग्री औऱ क्लीनिक को भी आयुर्वेद का रेजिस्ट्रेशन प्राप्त हैं लेकिन श्रीयम क्लीनिक में ऐलोपैथिक इलाज़ औऱ दवाई दी जा रही थी। डॉक्टर आशीष के पास M.D. medicine degree भी फ़र्ज़ी पायी गई है।  एक हफ़्ते पहले सिहोरा के एक युवक राहुल श्रीवास द्वारा सोनोग्राफी की जाँच करवाई गई थी , जिसमें वह जाँच से असंतुष्ट था ,उसके पेट में सूज़न थी जिसकों लेकर वह घबड़ाया हुआ था। फ़िर उसने सरकारी डॉक्टर को दिखाना उचित समझा। जिसमें सरकारी डॉक्टर ने उसे बताया कि यह रिपोर्ट फ़र्ज़ी हैं उनको भर्ती करवाया गया ..जिसको लेकर युवक ने अनुविभागीय अधिकारी सी. पी. गोहिल से शिकायत की थी।
भले ही शिकायत की जाँच के लिए अधिकारी द्वारा स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिया गया था।  आपको बता दे सिहोरा-खितौला में दर्जनों क्लीनिक ऐसे फ़र्ज़ी तरीक़े से चल रहे हैं।  जिनके पास ना तो उस विधा की कोई डिग्री हैं, लेकिन वह मरीजों की जान से लगातार खेल रहें हैं, इसमें सम्बंधित डॉक्टर के साथ जनता भी कम दोषी नहीं हैं ,उन्हें इस बात की पूरी जानकारी हैं कि सम्बंधित चिकित्सक के पास  उस विधा की डिग्री नहीं हैं फ़िर भी इलाज़ करने उसी डॉक्टर के पास पहुंच रहें हैं।
बड़ा सवाल- झोलाछाप डॉक्टरो के ख़िलाफ़ न कोई मुहिम ,ना कोई ठोस रणनीति -प्रशासन क्यों हैं मौन..? इंतजार जनता की मौतों का है..
जिनमें फ़र्ज़ी डॉक्टर झोलाछाप डॉक्टर लोगों का इलाज कर उनकी जान से लगातार खिलवाड़ कर रहें हैं, लेकिन स्वास्थ विभाग औऱ प्रशासनिक अधिकारी सभी मौन रहते हैं..
क्या कहते हैं नियम : मध्यप्रदेश स्वास्थ विभाग के अनुसार कोई भी चिकित्सक जिस विधा का डिग्री धारी हैं उसी पध्दति में वह मरीजों को दवा लिख सकता हैं औऱ इलाज कर सकता हैं ।किसी दूसरी विधा का इलाज करने पर सम्बंधित डॉक्टर का लाइसेंस रद्द औऱ सख्त कार्यवाही का प्रावधान हैं।
 इनका कहना
हमारी डॉक्टरों की टीम द्वारा जाँच की गई हैं औऱ सम्पूर्ण दस्तावेज रिपोर्ट अनुविभागीय अधिकारी को भेज दी गई हैं
 डॉक्टर आर. पी. त्रिपाठी
(मेडिकल ऑफिसर) सिहोरा

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