भारतीय रेलवे ने मात्र सात दिनों में तैयार कर लिया है "जीवन" , ICMR कि मंजूरी का इंतज़ार
- अभी देश में उपलब्ध वेंटिलेटर की अधिकतम संख्या 57 हजार है
भारत समेत विश्व में चल रही कोरोना वायरस (Coronavirus) से जंग के बीच भारतीय रेलवे (Indian Railway) के इंजिनियर्स ने कुछ ऐसा कारनामा कर दिखाया है कि हर कोई हैरान है। दरअसल कोरोना के खिलाफ लड़ाई में कपूरथला रेल कोच फैक्ट्री के इंजीनियर्स ने 'जीवन' नाम के वेंटिलेटर के प्रोटोटाइप का निर्माण किया है ,जो बेहद सस्ता है। इस बारे में जानकारी देते हुए रेल मंत्री पियूष गोयल ने कहा कि स्वदेशी तकनीक से बना यह वेंटिलेटर कोरोना महामारी से लड़ रहे हमारे साथियों के लिये बड़ी राहत का काम करेगा। हालांकि अभी तक आईसीएमआर से इसे मंजूरी मिलने की प्रतीक्षा की जा रही है।
रेलवे कोच फैक्ट्री (RCF) के महाप्रबंधक रविंदर गुप्ता ने बताया, ‘जीवन वेंटिलेटर की कीमत बिना कंप्रेसर के करीब दस हजार रुपए होगी। एक बार हमें आईसीएमआर की मंजूरी मिल जाए तो हमारे पास रोजाना 100 वेंटिलेटर बनाने के संसाधन मौजूद हैं।' गुप्ता ने कहा कि इसे आरसीएफ की टीम ने तैयार किया है। इसमें मरीज के सांस को चलाने के लिये एक वॉल्व लगाया गया है। जरूरत के हिसाब से इसके आकार में बदलाव किया जा सकता है। यह बिना आवाज किये चलता है।
अभी देश में उपलब्ध वेंटिलेटर की अधिकतम संख्या 57 हजार है। हालांकि यदि संक्रमण फैलता रहा तो खराब स्थिति में देश में 15 मई तक 1.10 लाख से 2.20 लाख वेंटिलेटर तक की जरूरत पड़ सकती है। अभी उपलब्ध वेंटिलेटर की कीमत पांच लाख रुपए से 15 लाख रुपए है। ऐसे में माना जा रहा है कि अगर इस वेंटिलेटर को आईसीएमआर मंजूरी दे देता है, तो यह देश में कोरोना वायरस के खिलाफ चल रही जंग में यह एक महत्वपूर्ण हथियार साबित होगा।
देश में 15 मई तक 1.10 लाख से 2.20 लाख वेंटिलेटर तक की जरूरत पड़ सकती है। अभी उपलब्ध वेंटिलेटर की कीमत पांच लाख रुपए से 15 लाख रुपए है।