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शासकीय भूमि पर 16 लोगों का कब्जा, प्रशासन ने सिर्फ चार पर चलाई जेसीबी

शासकीय भूमि पर 16 लोगों का कब्जा, प्रशासन ने सिर्फ चार पर चलाई जेसीबी
मझौली तहसील की ग्राम पंचायत मोहला का मामला : जिनके घरों से तोड़े पुनर्वास की नहीं की व्यवस्था, ग्रामीणों का आरोप सरपंच ने पुलिस और प्रशासन को पैसा खिलाकर तोड़ दिए घर, मुक्ति धाम के पास बनवाया जा रहा आंगनवाड़ी केंद्र
सिहोरा
जनपद पंचायत मझौली के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत मोहला में गांव में प्रशासन पुलिस ने गुरुवार को शासकीय भूमि में अतिक्रमण किए चार घरों को जमींदोज तो कर दिया, लेकिन 12 अन्य कच्चे और पक्के निर्माण को हाथ भी नहीं लगाया। इतना ही नहीं जिन घरों पर जेसीबी चली उनके पुनर्वास की न तो प्रशासन ने कोई व्यवस्था की न ग्राम पंचायत प्रशासन ने।

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वहीं इस पूरे मामले में ग्रामीणों का आरोप है कि सरपंच ने पुलिस और प्रशासन से सांठगांठ कर आंगनबाड़ी केंद्र बनाने के लिए उनके घरों दे तोड़ डाले, जबकि आंगनबाड़ी केंद्र के लिए ग्राम पंचायत में दूसरी जगह के लिए प्रस्ताव भेजा गया था।
 जानकारी के मुताबिक ग्राम पंचायत मोहला की शासकीय भूमि पर करीब आधा दर्जन से अधिक लोगों ने निर्माण कर लिया था। दोपहर 12:00 बजे के लगभग मझौली तहसील का राजस्व मिला जिसमें पटवारी, आर आई, सचिव श्याम मणि मिश्रा  सरपंच दिनेश  साहू शामिल थे मोहला गांव पहुंचे और वहां जमे करीब चार अतिक्रमण को जेसीबी से पुलिस की मौजूदगी में तोड़ दिया।

 

अतिक्रमण करने वाले परिवारों ने इसका विरोध किया तो उन्हें जेल भेजने की धमकी दी। जिन लोगों के घरों से टूटे उनमें अर्जुन यादव, सुभाष पटेल, लटोरा पटेल, रज्जू लाल ने बताया कि शासकीय भूमि पर करीब 16 लोगों का कब्जा है लेकिन सिर्फ हम लोगों के ही निर्माणों को तोड़ दिया गया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरपंच ने पुलिस प्रशासन को रुपया खिलाकर सांठगांठ कर हम लोगों के अतिक्रमण तोड़े जब की पूरी शासकीय भूमि पर पक्का निर्माण है। घरवाले टूटने से करीब 4 घरों के 1 दर्जन से अधिक परिवार अब सड़क पर आ गए हैं। 
प्रस्ताव दूसरी जगह का, स्वीकृत करवा लिया खेल मैदान की जगह पर : ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि आंगनबाड़ी केंद्र शासकीय ज्ञान मंदिर के अलावा एक दूसरी जगह पर स्वीकृत हुआ था इसके लिए बाकायदा ग्राम पंचायत में प्रस्ताव भी पारित किया गया था, लेकिन ने अधिकारियों से सांठगांठ कर दूसरी शासकीय भूमि पर आंगनबाड़ी केंद्र स्वीकृत करा लिया जिसके लिए यह अतिक्रमण आज तोड़े गए। जिस भूमि पर आंगनबाड़ी केंद्र बनना था उस भूमि को अपने एक रिश्तेदार से कब्जा करा कर उसे पट्टा देने की साजिश की जा रही है।
… तो नहीं भेजेंगे बच्चों को आंगनवाड़ी केंद्र : ग्राम के कमलेश यादव, मक्खन पटेल, सोनेलाल पटेल, विपिन पटेल, हेमंत कुमार वंशकार, राकेश पटेल, विपिन बेन विपिन पटेल का कहना है कि आंगनबाड़ी केंद्र के लिए जो शासकीय भूमि से अतिक्रमण तोड़े गए हैं उसके बाजू में ही मुक्ति धाम (शमशान घाट) बना है।

ऐसे में वह अपने बच्चों को आंगनवाड़ी केंद्र नहीं भेजेंगे। कब्जों को हटाने के लिए शासन और प्रशासन ने कोई भी नोटिस जारी नहीं किया और हमारे घरों में तोड़ डालें।
 
इनका कहना
आंगनबाड़ी केंद्र बनने के लिए करीब 2000 वर्ग फुट जमीन की जरूरत थी जो कि ग्राम पंचायत में और कहीं उपलब्ध नहीं है। इसके लिए प्रस्ताव जिला पंचायत द्वारा स्वीकृत किया गया था। उसी के आधार पर आंगनबाड़ी केंद्र की जमीन पर कब्जे थे उन्हें हटाया गया है। पैसा लेने के जो आरोप रोज पर लगाए गए हैं वह निराधार हैं। वही सारे कब्जे हटाए गए हैं कोई भी कब्जा नहीं छोड़ा गया है।
 दिनेश साहू सरपंच ग्राम पंचायत मोहला

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