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कानून में ढील है ,तभी तो जुआरियों की मौज है। 

भोपाल : सुशासन की उम्मीद आप किससे लगा सकते हैं जब खुद सरकारी अधिकारी भ्रष्टाचार ,अपराध में संलिप्त हो। ताजा मामला भोपाल के पर्यावास भवन से जुड़ी हुई है। जहां चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी व ड्राइवरों को पुलिस ने जुआ खेलते पकड़ा है। इनके पास से ₹48000 नगद तथा ताश के पत्ते भी जप्त किए गए हैं। 
एमपी नगर पुलिस ने निर्माणाधीन कमरे की घेराबंदी कर मनोहर लाल ,समारू लाल ,मनोज कुमार साबिर मियां और गोविंद साहू  सहित अन्य आरोपियों को पकड़ लिया है।
आखिर जुआरी इतने बेखौफ कैसे हैं 
दरअसल जुआ एक्ट में गिरफ्तारी नहीं होने से जुआरी बेखौफ हैं। पुलिस इन्हें सिर्फ नोटिस जारी करती है इसके बाद कोर्ट जुर्माना करता है। कानून में ढील मिलने से शहर भर में जुआ सट्टा का गोरखधंधा बेखौफ तरीके से चल रहा है।कई मामलों में तो पुलिस की मिलीभगत भी उजागर होती आई है हाल ही में अशोका गार्डन इलाके में जुआरी पुलिस की मिलीभगत का मामला भी सामने आया था।  

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