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16 घंटे बाद विकास दुबे की पत्नी छूटी,कानपुर पुलिस ने ऋचा दुबे और बेटे को छोड़ा, एसएसपी बोले शूटआउट से उनका कोई लेना-देना नहीं

16 घंटे बाद विकास दुबे की पत्नी छूटी / कानपुर पुलिस ने ऋचा दुबे और उसके नाबालिग बेटे को छोड़ा, एसएसपी बोले- शूटआउट से उनका कोई लेना-देना नहीं

उत्तर प्रदेश /कानपुर – : उत्तर प्रदेश के मोस्ट वांटेड विकास दुबे को पुलिस ने शुक्रवार सुबह कानपुर शहर से 17 किमी पहले भौती में एनकाउंटर में ढेर कर दिया। उधर, गैंगस्टर विकास दुबे की पत्नी ऋचा और उसके नाबालिग बेटे को छोड़ दिया गया है। कानपुर के एसएसपी दिनेश कुमार प्रभु ने बताया कि ऋचा की कानपुर शूटआउट में कोई भूमिका नहीं पाई गई। वारदात के समय ऋचा मौके पर मौजूद नहीं थी। हालांकि, नौकर महेश को अभी नहीं छोड़ा गया है। उससे पूछताछ जारी है।

सुबह विकास और शाम को ऋचा पकड़ी गई थी

विकास दुबे को गुरुवार सुबह उज्जैन मंदिर में करीब 9 बजे गिरफ्तार किया गया था। डरा हुआ हिस्ट्रीशीटर गिरफ्तारी के वक्त चिल्ला रहा था कि मैं विकास दुबे हूं, कानपुर वाला। इसके बाद पुलिस उसे पहले महाकाल थाना, पुलिस कंट्रोल रूम, नरवर थाना और फिर पुलिस ट्रेनिंग सेंटर लेकर गई। यहां उससे करीब दो घंटे तक पूछताछ की गई। उसके बाद एसटीएफ की टीम उसे लखनऊ आ रही थी। इस बीच रात करीब साढ़े आठ बजे विकास की पत्नी ऋचा, उसके बेटे और नौकर महेश को लखनऊ में हिरासत में लिया गया। तीनों को कानपुर ले जाया गया। जहां पूछताछ की गई। पूछताछ के बाद आज दोपहर 12:20 बजे ऋचा और उसके बेटे को रिहा कर दिया गया।

कानपुर शूटआउट केस में अब तक क्या हुआ?
2 जुलाई: विकास दुबे को गिरफ्तार करने 3 थानों की पुलिस ने बिकरू गांव में दबिश दी, विकास की गैंग ने 8 पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी।
3 जुलाई: पुलिस ने सुबह 7 बजे विकास के मामा प्रेमप्रकाश पांडे और सहयोगी अतुल दुबे का एनकाउंटर कर दिया। 20-22 नामजद समेत 60 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई।
5 जुलाई: पुलिस ने विकास के नौकर और खास सहयोगी दयाशंकर उर्फ कल्लू अग्निहोत्री को घेर लिया। पुलिस की गोली लगने से दयाशंकर जख्मी हो गया। उसने खुलासा किया कि विकास ने पहले से प्लानिंग कर पुलिसकर्मियों पर हमला किया था।
6 जुलाई: पुलिस ने अमर की मां क्षमा दुबे और दयाशंकर की पत्नी रेखा समेत 3 को गिरफ्तार किया। शूटआउट की घटना के वक्त पुलिस ने बदमाशों से बचने के लिए क्षमा दुबे का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन क्षमा ने मदद करने की बजाय बदमाशों को पुलिस की लोकेशन बता दी। रेखा भी बदमाशों की मदद कर रही थी।
8 जुलाई: एसटीएफ ने विकास के करीबी अमर दुबे को मार गिराया। प्रभात मिश्रा समेत 10 बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया।
9 जुलाई: मुख्य आरोपी गैंगस्टर विकास दुबे उज्जैन से गिरफ्तार। प्रभात मिश्रा और बऊआ दुबे एनकाउंटर में मारे गए।
10 जुलाई: विकास दुबे एनकाउंटर में मारा गया।

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