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हैप्पी बर्थडे वीरू

भारत के विस्फोटक बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग का जन्म हरियाणा में 20 अक्टूबर 1978 में हुआ | प्यार से उन्हें “वीरू ” तो कहते ही हैं , साथ ही नजफगढ़ के “नवाब” और “आधुनिक क्रिकेट के जेन मास्टर” के नाम से भी जाने जाते हैं| वे दायें हाथ के आक्रामक सलामी बल्लेबाज तो हैं ही लेकिन साथ ही दायें हाथ से ऑफ स्पिन गेंदबाज़ी भी कर लेते हैं। सहवाग ने भारत की ओर से पहला एकदिवसीय मैच 1999 में और पहला टेस्ट मैच 2001 में खेला था। अप्रैल 2009 में सहवाग एकमात्र ऐसे भारतीय खिलाड़ी बने जिन्हें “विजडन लीडिंग क्रिकेटर ऑफ द ईयर” के खिताब से नवाज़ा गया। उन्होंने अगले वर्ष भी इस ख़िताब को फिर जीता।

व्यक्तिगत जीवन:-

हरियाणा के एक जाट परिवार में जन्मे सहवाग अपने माता-पिता के चार बच्चों में तीसरे संतान हैं। उनसे  बड़ी दो बहनें मंजू और अंजू हैं, जबकि उनसे छोटा एक भाई है विनोद। पिता किशन सहवाग का कहना है की जब वो वीरू को सिर्फ 7 साल की उम्र  में उन्होंने पहली बार खिलौना बैट लाकर दिया था तभी से उन्हें क्रिकेट से प्यार हो गया था | यही वीरू बारह साल की उम्र में क्रिकेट के दौरान जब अपना दाँत तुड़वाकर घर पहुंचे तो पिता ने क्रिकेट खेलने पर प्रतिबन्ध लगा दिया। बाद में माँ कृष्णा सहवाग के हस्तक्षेप से ही यह प्रतिबन्ध हटा। उसके बाद तो क्रिकेट उनकी जिन्दगी का पहला प्यार ही बनकर रह गया। बाद में 2004 में सहवाग की शादी आरती से हुई जिससे उनके दो पुत्र हैं। 

खिलाड़ी जीवन

“सहवाग भारत के  ऐसे बल्लेबाज़ हैं, जिससे दुनिया का हर गेंदबाज खौफ खाता है” यह बात तो इमरान ख़ान से लेकर रिचर्ड हेडली और बॉब विलिस के दिल में खौफ पैदा करने वाले विवियन रिचर्डस का भी मानना है  | हाल ही में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ युसूफ पठान ने यादगार तूफानी पारी खेलने के बाद पत्रकारों से कहा था “वीरेंद्र सहवाग के बेखौफ अंदाज ने उन्हें इस कदर खेलने के लिए प्रेरित किया।” सहवाग की तेज शुरुआत से भारतीय टीम गेंदबाजों पर शुरू से ही हावी हो जाती हैं। सहवाग अगर अपने फॉर्म में हों तो समझ लो किसी भी आक्रमण को ध्वस्त करने से पीछे नहीं हटते। सहवाग जब तक क्रीज पर रहते हैं तब तक मानो विरोधियों के माथे पर उनकी मौजूदगी का खौफ साफ-साफ दिखाई देता है| 

कीर्तिमान

मार्च 2010 में उन्होंने हैमिल्टन में न्यूजीलैंड के खिलाफ महज 60 गेंदों पर शतक बनाया था। टेस्ट क्रिकेट में पहले विकेट के लिये सबसे बड़ी साझेदारी का रिकार्ड भी सहवाग के ही नाम है। राहुल द्रविड़ के साथ पाकिस्तान के खिलाफ 410 रन की साझेदारी बना वीरू ने नया कीर्तिमान बनाया था। एकदिवसीय क्रिकेट मैच में उनका सर्वाधिक स्कोर 219 रन है। जो की एक विश्व रिकॉर्ड था। जिसे बाद में रोहित शर्मा ने 264 रन बना कर तोड़ा। सहवाग पहले भारतीय खिलाड़ी हैं जिन्होंने टेस्ट मैच में तिहरा शतक जड़ा है। सर डोनाल्ड ब्रेडमैन और ब्रायन लारा के बाद सहवाग दुनिया के तीसरे ऐसे बल्लेबाज हैं जिन्होंने टेस्ट क्रिकेट में दो बार तिहरा शतक बनाया है । अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट में किसी बल्लेबाज द्वारा सबसे तेज गति से तिहरा शतक (319 रन) भी है, जो महज 278 गेंद में बनाया था । सहवाग का स्ट्राइक रेट दुनिया के सभी क्रिकेट खेलने वाले में सबसे ज्यादा है। इसके अलावा वह दुनिया के एकमात्र ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने टेस्ट मैचों में दो तिहरे शतक बनाने के साथ एक पारी में पाँच विकेट भी हासिल किये।

सहवाग ने अपना पहला अन्तरराष्ट्रीय मैच 1999 में पाकिस्तान के खिलाफ खेला था। जिसमे सहवाग एक रन बनाकर चलते बने और गेंदबाजी के दौरान तीन ओवरों में 35 रन दे डाले थे । इसके बाद सहवाग को काफी समय तक टीम में शामिल नहीं किया गया। दिसम्बर 2000 में जिम्बाब्वे के खिलाफ घरेलू सीरीज में सहवाग को फिर से टीम में जगह मिली । अगस्त 2001 में श्रीलंका और न्यूजीलैंड के खिलाफ ट्राई सीरीज में सहवाग ने पारी की शुरुआत करते हुए कैरियर का पहला अर्धशतक जमाया। इसी सीरीज में न्यूजीलैंड के खिलाफ 69 गेंदों पर शतक ठोककर सहवाग ने अपने हुनर का नमूना पेश किया।

टेस्ट क्रिकेट में भारत की ओर से तिहरा शतक जड़ने वाले सहवाग ने अब तक 228 एकदिवसीय मैच में 13 शतक और 36 अर्धशतकों की मदद से 7380 रन बनाए हैं। उनका एकदिवसीय बैटिंग औसत 34.65 का है। एकदिवसीय मैचों में उनका सर्वाधिक स्कोर 219 रन है। दिलचस्प बात तो ये है कि सहवाग की आक्रामक खेल शैली वनडे क्रिकेट के अनुकूल है लेकिन वह टेस्ट मैचों में अधिक सफल रहे हैं जिसमें उन्होंने 72 टेस्ट मैचों में 52.50 के औसत से 17 शतक और 19 अर्धशतकों समेत 6248 रन बनाये हैं।

पुरस्कार
इन्हें भारत सरकार ने 2002 में अर्जुन पुरस्कार देकर सम्मानित किया। इसके अतिरिक्त उन्हें 2008 में अपने शानदार प्रदर्शन के लिये “विजडन लीडिंग क्रिकेटर इन द वर्ल्ड” के सम्मान से नवाजा गया। सहवाग ने इस पुरस्कार को अगले साल भी दुबारा अपने नाम किया। 2011 में उन्हें सर्वश्रेष्ठ क्रिकेटर के नाते “ईएसपीएन क्रिकीन्फो अवार्ड” भी दिया गया।

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