मध्यप्रदेश में क्राइम रोकने के लिए लाया जाएगा गैंगस्टर एक्ट
मध्यप्रदेश में क्राइम रोकने के लिए लाया जाएगा गैंगस्टर एक्ट
- प्रदेश में ऑर्गनाइज्ड क्राइम रोकने की तैयारी
- गैंगस्टर एक्ट लाने की तैयारी में प्रदेश सरकार
- यूपी की तर्ज पर बनेगा गैंगस्टर एक्ट 2021
मध्यप्रदेश/भोपाल:
मध्यप्रदेश सरकार गैंगस्टर एक्ट लाने की तैयारी में है। जहरीली शराब, रेत का अवैध कारोबार और संगठित अपराधों को रोकने के लिए इस एक्ट को लाया जा रहा है। यह एक्ट उत्तर प्रदेश के गुंडा नियंत्रण अधिनियम की तरह होगा। इसमें कुछ प्रविधान महाराष्ट्र कंट्रोल ऑफ ऑर्गेनाइज्ड क्राइम (मकोका) एक्ट के भी शामिल किए जा सकते हैं। इसमें पुलिस को ज्यादा अधिकार मिलेंगे।
मौजूदा प्रविधानों में आरोपितों को राहत मिल जाती है। जबकि, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र में जो प्रविधान हैं, उनमें पुलिस को कई अधिकार मिले हुए हैं। उनमें आसानी से जमानत नहीं मिल पाती है। उसी की तरह मध्यप्रदेश में भी पुलिस को ज्यादा अधिकार मिलेंगे, पूछताछ के लिए रिमांड अवधि 50 दिन तक हो सकती है, अभी रिमांड 14 दिन की मिलती है। आरोपी की संपत्ति जब्त करना भी आसान होगा। इस अधिनियम के दायरे में एक से अधिक व्यक्ति वाले सभी गंभीर अपराधों को शामिल किया जाएगा।
संगठित अपराध पर रोक लगाने के लिए राज्य सरकार जो गैंगस्टर एक्ट लाएगी, फिलहाल उसका ड्राफ्ट तैयार किया जा रहा है. ड्राफ्ट बनाने की जिम्मेदारी विधि और गृह विभाग को दी गई है। बता दें कि संगठित अपराध वो होता है, जिसे एक से ज्यादा लोग मिलकर अंजाम देते हैं। मानव तस्करी, मनी लॉन्ड्रिंग, नकली दवाओं का व्यापार, बंधुआ मजदूरी और जाली नोट बनाना, अवैध हथियारों का निर्माण, व्यापार, गोहत्या और अवैध खनन संगठित अपराध की श्रेणी में शामिल किए जाते हैं। इन्हीं अपराधों पर लगाम कसने के लिए एमपी सरकार गैंगस्टर एक्ट लाने जा रही है|
विधानसभा सत्र से विधेयक पारित होने के बाद इसे केंद्र सरकार की अनुमति के लिए भेजा जाएगा। माना जा रहा है कि संगठित अपराध पर अंकुश लगाने में प्रदेश सरकार के इस कदम को केंद्र सरकार का भी साथ मिलेगा।
विधानसभा के मानसून सत्र में आबकारी अधिनियम संशोधन विधेयक भी प्रस्तुत किया जा रहा है। इसमें मिलावटी शराब के सेवन से किसी व्यक्ति की मृत्यु होने पर आरोपित को मृत्युदंड की सजा का प्रविधान रहेगा।