गांधी जी को श्रद्धांजलि – देश में आज भी जिंदा हैं गोडसे जो गांधी जी को मार रहे हैं
गांधी जी को श्रद्धांजलि – देश में आज भी कायम हैं गोडसे जो गांधी जी को मार रहे हैं।
शैलजाकान्त मिश्रा
महात्मा गांधी जी की आज पुण्यतिथि है। आज से ठीक 72 वर्ष पहले 30 जनवरी 1948 को राष्ट्रपिता बापू की नृशंस हत्या सरे आम कर दी गई थी। आज 30 जनवरी 2020 है सदी बदल चुकी है लेकिन अगर कुछ नहीं बदला है तो वह है हिंसात्मक रवैया। आज बापू भी बापू की पुण्यतिथि है जिसे शहीद दिवस के रूप में मनाते हैं लेकिन यह आड़म्बर मात्र ही प्रतीत होता है क्योंकि देश में हो रही घटनाएं मानों कह रही है कि देश के संकुचित मानसिकता का एक वर्ग लोगों पर गांधी नहीं गोडसे को थोपनें की कोशिश कर रहा है।
मन में राम बगल में छुरी
जहां देश में विगत वर्ष ही बापू की 150 वीं जयंती का प्रधानमंत्री ने जोर शोर से प्रचार किया गया वहीं सत्ता में विराजमान भाजपा की भोपाल से सांसद लगातार गोडसे प्रेम दिखाती आ रही हैं, पार्टी का उनपर कोई कार्यवाई न करना क्या संकेत देता है। यही नही भाजपा के सांसद चाहे गिरिराज सिंह हों या उन्नाव सांसद साक्षी महाराज सभी निडर होकर अमर्यादित बयान देते हैं बदले में पार्टी उनपर कोई कार्रवाई नहीं करती। यह साफ संकेत हैं कि आलाकमान से उन्हें यह सब करने की लाइसेंस प्राप्त है।
जब बेलगाम सांसद खुलेआम धमकी देते हों
अभी ताजा उदाहरण दिल्ली के विधानसभा चुनाव का है जहां केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर की उपस्थिति में आपत्तिजनक नारे लगे।
जामिया में हुई आज की घटना
आज जामिया में एक हमलावर जिसका वीडियो वायरल हो रहा है उसमें वह पिस्तौल लहराते हुए खुद को रामभक्त बता रहा है और पुलिस की मौजूदगी में गोली चला रहा है और पुलिस खड़ी बगले झांक रही थी। हमलावर नें अपना नाम गोपाल बताया है जो खुद को रामभक्त बता रहा है।
बापू के आराध्य मर्यादा पुरूषोत्तम राम पर दावा ठोंक रहे हत्यारे
गांधी जी जिनके प्राण निकलते वक्त भी मुख पर अंतिम शब्द राम का था जो सारी उम्र अहिंसा के पुजारी रहे । भगवान राम का हस्तांतरण किन हांथों में हो गया है जहां आज हत्यारे खुद को रामभक्त बता रहे हैं।
जब सांसद साध्वी प्रज्ञा ने गोडसे प्रेम दिखाया था तो प्रधानमंत्री मोदी नें कहा था कि मैं दिल से उन्हें कभी माफ नहीं कर पाउंगा , पता नहीं इसमें कितनी सच्चाई है लेकिन यह बात सौ फीसदी सत्य है कि अगर आज बापू जिंदा होते तो इन हत्यारों को एक बार फिर माफ कर देते क्योंकि वो उस राम के साधक थे जो अंहिसा के मार्ग पर चले थे।
गांधी एक विचार हैं जो सदियों तक ऐसे ही जीवित रहेंगे चाहे कितने गोडसे जन्म ले लें।