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दमोह : महाराष्ट्र में बंधक बनाए गए 19 मजदूरों को रिहा कराने में श्रम विभाग ने सफलता प्राप्त की, साथ ही ठेकेदार के विरुद्ध अपराधिक प्रकरण  किया दर्ज

महाराष्ट्र में बंधक बनाए गए दमोह के 19 मजदूरों को रिहा कराने में श्रम विभाग ने सफलता प्राप्त की है। साथ ही ठेकेदार के विरुद्ध अपराधिक प्रकरण दर्ज  किया है। ठेकेदार मजदूरों से जानवरों की तरह काम करा रहा था। कोल्हापुर जिले के बंदुर गांव का है।

 दमोह से शंकर दुबे की रिपोर्ट : –  दमोह के करीब 14 मजदूर अपने 5 बच्चों के साथ महाराष्ट्र काम की तलाश में गए थे। वहां पर एक ठेकेदार के यहां काम कर रहे थे। ठेकेदारों ने मजदूरों को बंधक ही बना लिया तथा उनके साथ मारपीट कर जबरन अतिरिक्त काम कराने लगा इस बात की जानकारी जब मजदूरों के परिजनों को हुई तो उन्होंने जिला प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई जिस पर कलेक्टर तरुण राठी ने तुरंत कार्यवाही करते हुए एक पत्र महाराष्ट्र के कोल्हापुर कलेक्टर को लिखा साथ ही श्रम विभाग एवं कुछ अधिकारियों की एक टीम तुरंत कोल्हापुर के बंदुर गांव रवाना की। टीम ने बच्चों एवं मजदूरों को सकुशल बंधन से मुक्त कराया तथा वापस दमोह  लेकर आए।
 जानवरों से भी बदतर थी जिंदगी : –
इन मजदूरों में 8 पुरूष एवं 6 महिलायें सहित 5 बच्चे शामिल है। इनमें दीपक अहिरवार, मोतीलाल अहिरवार, भगवत अहिरवार, अमर अहिरवार, राजा अहिरवार, वीरू अहिरवार, काशीराम अहिरवार और भागीरथ अहिरवार तथा महिलाओं में कुसुम मोतीलाल अहिरवार, गीता अहिरवार, रेशमा अहिरवार, तुलसा अहिरवार, लीला अहिरवार, कविता अहिरवार मजदूरी का कार्य करते थे। मजदूरों ने बताया कि ठेकेदार उनके साथ मारपीट करता है। काम का कोई समय तय नहीं था। वह रात में सिर पर टॉर्च बांधकर काम कराता था। न तो घर आने देता था और न ही ठीक तरह से खाना देता था। यदि कोई व्यक्ति बीमार भी पड़ जाए तब भी वह उससे जबरन काम लेता था।कि कोई मजदूर काम नहीं करता था तो वह उसके साथ मारपीट भी करता था। वह ठेकेदार की प्रताड़ना से इतने डरे सहमें हुए थे कि जब टीम उन्हें बचाने पहुंची तो वह उन्हें भी ठेकेदार समझ कर डर गए।
 ठेकेदार पर मामला दर्ज किया : –
मजदूरों को रिहा कराने गई टीम में लेबर इंस्पेक्टर धर्मेन्द्र नरवरिया, प्रधान आरक्षक दीपक करोसिया, आरक्षक छोटू चौहान, जनसाहस टीम में डिस्ट्रिक को-कोर्डिनेटर कमल बैरागी, आरओ मुकेश नवीन, एडवोकेट सूरज अहिरवार शामिल थे। श्री नरवरिया ने बताया कि मुख्य आरोपी ठेकेदार बाबा सैयद के विरुद्ध 08 धाराओं के अंतर्गत एफआईआर कराई गई हैं। साथ ही मजदूरों को तात्कालीन सहायता 20 हजार रूपये वहां पर आवेदन करवाया हैं जो मजदूरों के खातों में आएगी। साथ ही आवागमन का पैसा वहां की सरकार वहन करेगी। 
 ऐसे हुआ रेस्क्यू : –
   जनसाहस के लीगल एडवाईजर ने बताया कि टोल फ्री नंबर पर सूचना मिली की बटियागढ़ के ग्राम आलमपुर के कुछ मजदूर बधंक बनाए गए हैं। जिसकी बात कार योजना तैयार कर मजदूरों को मुक्त कराया गया।   
मजदूर भागीरथ अहिरवार ने बताया कि वहां पर 14 से 15 घंटे काम करवाते थे। 45 दिन तक काम किया हमें एक पैसा नही दिया गया। रात्रि 3:00 बजे से लेकर रात्रि 12:00 बजे तक काम कराया जाता है।  कुछ समय पहले नासिक से 2 आदमी आए थे। उन्हीं के साथ हम काम करने उन्हीं की गाड़ी में महाराष्ट्र गए थे। वापस लौट कर आए मजदूरों ने प्रशासन का धन्यवाद किया है। मजदूरों ने कहा कि यदि कार्यवाही नहीं होती तो शायद हम कभी वापस न लौट पाते।

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