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दमोह : गल्ला व्यापारी पर हमले के विरोध में जैन समाज ने दिया ज्ञापन

गल्ला व्यापारी पर हमले के विरोध में जैन समाज ने दिया ज्ञापन
 दमोह से शंकर दुबे की रिपोर्ट : –  
व्यापारी पर हमले के विरोध और मीट मार्केट हटाने की मांग को लेकर दिगंबर जैन पंचायत और शाकाहार उपासना परिसंघ ने आज मुख्यमंत्री के नाम संबोधित ज्ञापन जिला प्रशासन को दिया। जैन पंचायत ने समय सीमा पर कार्यवाही न होने पर आंदोलन की चेतावनी दी।
    दिगंबर जैन पंचायत ने ज्ञापन में गल्ला व्यापारी मनीष मलैया पर पिछले दिनों हुए कातिलाना हमले के विरोध आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग और चरयाई बाजार से मीट की दुकानें हटाने की मांग की। जैन समाज के प्रतिनिधि मंडल ने आज एक ज्ञापन जिला प्रशासन को दिया। ज्ञापन में उल्लेख किया गया है कि चरयाई बाजार में पिछले दिनों एक वर्ग विशेष के करीब दर्जन भर लोगों द्वारा गल्ला व्यापारी मनीष मलैया पर हथियारों से जानलेवा हमला किया गया था। जिसमें गल्ला व्यापारी बुरी तरह घायल हो गए थे। जैन पंचायत ने कहा है कि शेष आरोपियों को शीघ्र गिरफ्तार कर बाजार से मीट मार्केट की दुकाने हटाई जाएं। ज्ञापन देने वालों में देवेंद्र सेठ, चंद्र कुमार खजरी, शैलेंद्र मयूर, राजेंद्र भिड़ा, नरेंद्र बजाज, महेश दिगंबर, प्रदीप बजाज, अनिल इटोरिया, सुधीर सिंघई, सुनील वेजिटेरियन, संजीव वेजिटेरियन, महेंद्र जैन, केसी जैन, सवन सिल्वर, रेशु सिंघई, संजय सेठ सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे। 
 क्या है मामला : –
गौरतलब है कि गल्ला व्यापारी मनीष मलैया ने उच्चतम न्यायालय जबलपुर ने एक जनहित याचिका दायर कर चरयाई बाजार एवं शहर के अंदर स्थित मीट की दुकानों को अन्यत्र स्थापित करने का निवेदन किया था। जिस पर उच्च न्यायालय ने संज्ञान लेते हुए 29 जनवरी को एक आदेश पारित किया। जिसमें शहर की तमाम मीट की दुकाने  सीता बावड़ी में शिफ्ट करने का फैसला दिया था। उक्त आदेश के बाद मनीष मलैया पर कातिलाना हमला हुआ था। 
 अब तक छ:ह गिरफ्तार : –
घटना को गंभीरता से लेते हुए पुलिस ने कुछ समय पश्चात ही घटना के छ:ह आरोपियों संजय पुत्र मूलचंद रैकवार, परम पुत्र भगवानदास रैकवार, राजा पुत्र राजकुमार रैकवार, मदन पुत्र सेवक रैकवार तथा विकास एवं खेमू पुत्र मंधु रैकवार को हिरासत में ले लिया था। सभी आरोपी फुटेरा वार्ड 5 के रहवासी है। 
 क्यों हुआ हमला : –
गल्ला व्यापारी मनीष मलैया के हमले के पीछे जो वजह सामने आई है उसके अनुसार मीट का कारोबार करने वाले व्यापारियों को डर है कि शहर से उनकी दुकाने उठने के बाद उन्हें शहर से बाहर सीता बावड़ी में अपना कारोबार करना पड़ेगा। जिससे कि उनके कारोबार पर आर्थिक असर पड़ेगा। यही वजह है कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद यह घटना हुई।                                                                                                    

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