दमोह : उत्साह के आगे इंतजाम पड़े फीके,नवरात्रि के प्रथम दिन ही मंदिरों में उमड़ी भारी भीड़
उत्साह के आगे इंतजाम पड़े फीके.
-नवरात्रि के प्रथम दिन ही मंदिरों में उमड़ी भारी भीड़
दमोह से शंकर दुबे की रिपोर्ट :- अनलॉक फाइव और नवरात्रि के प्रथम दिन से ही मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। जिला और पुलिस प्रशासन के तमाम इंतजाम के बावजूद भी मंदिरों में भीड़ का क्रम कम नहीं हुआ। लोगों के उत्साह के चलते सारी व्यवस्थाएं फीकी पड़ती नजर आईं।
नवरात्रि पर्व शुरू क्या हुआ मा नों लोगों को मुंह मांगी मुराद मिल गई है। पिछली बार चैत्र नवरात्र में लॉक डाउन के कारण सभी मंदिर बंद थे। जिसके कारण भक्त न तो मंदिरों में जा पाए और न ही सामूहिक अनुष्ठानों में भाग ले पाए। लोगों को घरों में ही रहकर अनुष्ठान की सारी क्रियाएं करना पड़ी थी। लेकिन इस बार जैसे ही मंदिर खुले और नवरात्रि पर्व शुरू हुआ तो लोगों का उत्साह अपने चरम पर पहले ही दिन से देखने को मिला। सभी मंदिरों में सुबह 4 -5 बजे से ही भक्तों की भीड़ उमड़ने लगी। वहीं नगर के प्रमुख बड़ी देवी मंदिर में भक्तों की 1 किलोमीटर से भी ज्यादा लंबी लाइन देखने को मिली । हालांकि पुलिस प्रशासन द्वारा सभी मंदिरों में पुलिस बल तैनात किया गया है। विशेष तौर पर बड़ी देवी मंदिर में तो खास इंतजाम किए गए हैं। वह क्रमबद्ध तरीके से लोगों को जल चढ़ाने दिया गया। इसके बाद भी लोग इतने उत्साह में थे कि सोशल डिस्टेंस और मुंह पर मास्क लगाना भी भूल गए। ऐसे में पुलिस कर्मियों को व्यवस्थाएं बनाने में खासी मशक्कत करनी पड़ी। एक साथ मंदिर के दोनों द्वारों से काफी लंबी लाइन में दूर-दूर तक नजर आईं। यह क्रम सुबह 10- 11 बजे तक अनवरत चलता रहा। वैसे भी मां बड़ी देवी मंदिर जल चढ़ाने और दर्शन करने के लिए शहर तथा गांव देहातों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु भक्त पहुंचते हैं । इस बार लोगों का उत्साह दोगुना हो गया है । मां की विभिन्न स्थानों पर विभिन्न झांकियां सजाई जा रही हैं । तो दूसरी ओर मंदिरों में भी भजन कीर्तन, अखंड धुन तथा विभिन्न अनुष्ठान किए जा रहे हैं। जिससे लोग उत्साहित होकर मंदिरों में पहुंच रहे हैं । साथ ही मां अंबे से यही प्रार्थना कर रहे हैं कि हे मां इस संकट का निवारण करें और कोरोना काल से शीघ्र ही देश प्रदेश वासियों को मुक्ति मिले और लोग इस आपदा से सरलता से शीघ्रता से निपट सकें। वहीं दूसरी ओर पंडालों में भी लगभग झांकी सजाने का काम पूरा हो गया है प्रशासनिक गाइडलाइन के कारण इस बार बहुत बड़े पांडाल तो नहीं बनाए गए लेकिन जो क्षेत्रफल निर्धारित किया गया था उसके अनुसार छोटे पंडालों को ही भव्य रूप से सजाया गया है। साथ ही विभिन्न प्रकार की आकर्षक रोशनी वाली झालरों से सारा शहर जगमगा रहा है। नगर के विभिन्न स्थानों पर नवरात्रि के प्रथम दिन ही मां अंबे की स्थापना हो जाती है। वही नगर की सबसे प्राचीन देवी झांकी मोरगंज गल्ला मंडी में सजाई जा रही है मालूम हो कि यहां पर 1928 में मां दुर्गा की प्रतिमा की प्रथम बार स्थापित की गई थी मोरगंज गल्ला मंडी की यह 91 वर्षगांठ है।