इंदौर : चोइथराम अस्पताल कि क्रूरता शरीर में कीड़े पड़ने तक बिल बनाते रहे, शशी कनौजिया का मोबाइल, जेवर और पर्स भी जब्त कर लिया
इंदौर, गौतम कुमार
इंदौर (Indore) के बड़े व्यवसायी रहे शशी कनौजिया और उनके पिता की कोरोना वायरस(Corona Virus) के कारण मौत हो गई थी। दोनों पिता पुत्र इंदौर के चोइथराम अस्पताल (Choithram Hospital) में भर्ती थे। अब उनके परिवार के एक शख्स ने अस्पताल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाये हैं। उनके परिवार की एक सदस्य कशिश जो कनाडा (Canada) में रहती हैं उन्होंने कहा कि शरीर को मरने के बाद भी वेंटीलेटर (Ventilator) पर रखा गया था। यहाँ तक कि उनके शरीर में कीड़े रेंगे रहे थे।
इंदौर के निजी अस्पतालों कि बदहाली बदस्तूर जारी है। महामारी के इस दौर में भी ये सामाजिक भेड़िये अपनी जेबें भरने में लगे हैं। इससे पहले इंदौर के गोकुलदास अस्पताल में 6 घंटो में 6 मौतें हुई थी जिसके बाद उसका लाइसेंस रद्द कर दिया गया था।कशिश का कहना है कि उनके पिता को पहले सुयश अस्पताल में रखा गया था। भर्ती रहने के दौरान उनके आसपास चार मरीजों की मौत हुई थी, जिनके शव वहीं मौजूद थे। इसके बाद सभी स्वजन को चोइथराम अस्पताल में भर्ती किया गया।
अस्पताल प्रशासन के वजह से हुई मौत
शशी कनौजिया के पुत्र ने अस्पताल विभाग पर आरोप लगाते हुए कहा है कि उनके पिता का इलाज़ सही से नहीं किया गया है इसीलिए उनकी मौत हुई है। उन्होंने अपने पिता को दिए गए इलाज़ के विडिओ फुटेज कि भी मांग कि है। साथ ही उन्होंने इस मामले में प्रदेश के सीएम और देश के पीएम से भी मदद कि गुहार की है।
फीस नहीं चूका पाए तो सब जब्त कर लिया
परिवार ने आरोप लगाया है कि उन लोगों ने 1 लाख रूपये पहले ही जमा कर दिए थे। लेकिन लॉकडाउन के वजह से बाकी पैसे अभी नहीं दे पाए थे। जिसके बाद hospital प्रशासन ने उनके इलाज़ में कोताही तो बरती ही साथ ही उनके मारने तक वे लोग बस बिल ही बनाते रहे। क्रूरता कि हद तो तब हो गई जब उनके मौत के बाद भी उन्हें वेंटीलेटर पर रखा गया और जब शरीर गलने लगा उसमें कीड़े पड़ने लगे तब जाकर अस्पताल ने लाश दिया। यहाँ तक कि बिल वसूलने के नाम पर उनके पिता का जेवर, पर्स और मोबाइल फ़ोन तक अस्पताल ने अपने पास जब्त कर लिया है।
अस्पताल का क्या कहना
इस तरह के आरोप गलत हैं। मरीज का पूरा इलाज किया गया। पर्स, जेवर रखवाने की जो बात स्वजन कर रहे हैं, वह पूरी तरह से गलत है।
(Input : BhopalSamachar)