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CAA और NRC से "भारत की आत्मा" को खतरा, मुस्लिमों को "अपराधी" मानता है ये कानून – मशहूर हस्तियां 

नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (NRC) का विरोध करने वाले छात्रों और अन्य लोगों को अब अभिनेता नसीरुद्दीन शाह, फिल्म निर्माता मीरा नायर, गायक टीएम कृष्णा, लेखक अमिताव घोष, इतिहासकार रोमिला थापर समेत 300 से ज्यादा हस्तियों का समर्थन मिला हैं। 

‘इंडियन कल्चरल फोरम’ में प्रकाशित हुए बयान में इन हस्तियों ने कहा कि CAA और NRC भारत के लिए खतरा हैं। बयान में कहा गया है कि NRC में जिसे भी “अवैध” माना जाएगा, उसमें मुस्लिमों को छोड़कर सभी को CAA के तहत भारत की नागरिकता दे दी जाएगी। बयान के मुताबिक, “ भारत की आत्मा खतरे में हैं। हमारे लाखों भारतीयों की जीविका और नागरिकता खतरे में हैं। NRC के तहत, जो कोई भी अपनी वंशावली (जो कई के पास है भी नहीं) साबित करने में नाकाम रहेगा, उसकी नागरिकता जा सकती हैं। 

इन सभी ने एक संग कहा है कि “हम उन लोगों के साथ खड़े हैं जो मुस्लिम विरोधी और विभाजनकारी नीतियों का बहादुरी से विरोध करते हैं। हम उन लोगों के साथ खड़े हैं जो लोकतंत्र के लिए खड़े हैं। हम सड़कों पर और सभी प्लेटफॉर्मों पर आपके साथ रहेंगे। हम एकजुट हैं। 

बयान में कहा गया है कि मौजूदा सरकार की नीतियां और कदम धर्मनिरपेक्ष और समावेशी राष्ट्र के सिद्धांत के खिलाफ हैं, इन नीतियों को लोगों को असहमति जताने का मौका दिए बिना और खुली चर्चा कराए बिना संसद के जरिए जल्दबाजी में पास कराया गया हैं। 

हस्तियों के बयानों के अनुसार यह कानून केवल मुस्लिमों को अपराधी मानता है, मुस्लिमों को पीड़ित नहीं मानता हैं। उन्होंने कहा कि लक्ष्य साफ है कि मुसलमानों का स्वागत नहीं हैं। सरकार के घोषित उद्देश्य के विपरीत, CAA से लगता नहीं है कि इस कानून का मतलब केवल उत्पीड़ित अल्पसंख्यकों को शरण देना हैं। उन्होंने श्रीलंका, चीन और म्यांमार जैसे पड़ोसी देशों को CAA से बहार रखने पर सवाल किया हैं। 

बयान में कहा गया की, “क्या ऐसा इसलिए है कि इन देशों में सत्तारूढ़ मुस्लिम नहीं हैं? ऐसा लगता है कि कानून का मानना है कि केवल मुस्लिम सरकारें धार्मिक उत्पीड़न की अपराधी हो सकती हैं। हस्तियों के बयानों के मुताबिक नया कानून न केवल सत्ता की ओर से धार्मिक उत्पीड़न को लेकर नहीं है, बल्कि असम, पूर्वोत्तर और कश्मीर में “मूल निवासियों की पहचान और आजीविका” के लिए भी खतरा हैं। उन्होंने कहा है कि वे इसे माफ नहीं करेंगे। 

शख्सियतों ने कहा कि बहुत हो चुका और वे भारत के धर्मनिरपेक्ष और समावेशी विजन के लिए खड़े हैं।

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