बंद के माहौल में कैसे आएगी कश्मीरियों के घर में लक्ष्मी ?
क्रेंद सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 को हटाने के बाद से घाटी में बंद का माहौल जारी है. कश्मीर में बंद को आज 84 दिन हो चुके है. जिसके कारण इन तीन महीनों में घाटी के व्यापारियों को 10 हज़ार करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ है. खरीददारी के लिए कुछ ही दुकाने खुलती है. जो केवल सुबह-शाम कुछ ही घंटो के लिए खुल रही है.
गौरतलब है कि कश्मीर से सेब,शॉल और ड्राई फ्रूट्स समेत कई उत्पादों का निर्यात विदेशों में होता है. मगर इंटरनेट सेवा बंद होने के कारण व्यापारियों को मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है. क्रिसमस के त्यौहार से पहले विदेशों से कश्मीरी शॉल के आर्डर आते है. लेकिन व्यापारियों का खरीददारों से संपर्क नहीं हो पा रहा है. पर्यटकों की आवाजाही जो पिछले कई दिनों से बंद थी उसके कारण भी कश्मीरियों को अपनी जेबें खाली रखने पर मजबूर होना पड़ा. सरकार भले ही बड़े-बड़े दावे करती रहे मगर घाटी के लोग तंग है. दिवाली की बधाई देते हुए प्रधानमंत्री मोदी को शायद ही कश्मीरियों का ख्याल आया होगा और गृह मंत्री का ध्यान तो महाराष्ट्र और हरियाणा में सरकारें बनाने पर है. सरकार ने घाटी का दरवाजा लक्ष्मी जी के लिए बंद कर दिया है. बंद के इस माहौल में उनकी शुभ दिवाली का कोई भी संकेत दिखाई नहीं दे रहा है.