Budget 2020 : PPP मॉडल के तरफ बढ़ता बजट , क्या सरकार अपनी जिम्मेदारियों से भाग रही है ?

Budget 2020 :- अब तक के 73 साल के इतिहास का, सबसे लम्बा बजट पेश किया गया। निर्मला सीतारमण 2 घंटे 41 मिनट बोलीं और तबियत बिगड़ जाने के कारण आखिरी 2 पन्ने नहीं पढ़ पायी।
नए बजट में भारत के वित्तीय ढांचा तंत्र को सुधारने की कोशिश की गयी है। जिसमे डेवलपिंग के साथ-साथ केयरिंग इंडिया का नारा दिया गया है। साथ ही जो हमारे पीएम ने 5 ट्रिलियन लक्ष्य का नारा दिया थ, इस बजट में भी लक्ष्य को प्राप्त करने की बात कही गयी है। वित्तीय ढाँचे को सुधारने के लिए
बैंको के लिए 3 लाख 50 हज़ार करोड़ रूपये दिए गए हैं, जिसके तहत बैंको के लिए नया तंत्र बनाया जाएगा ताकि लोगों का पैसा सुरक्षित रहे। इसको इन बिंदुओं से समझे :-
बैंक डिपाजिट के बिमा की रकम बढ़ाई गई है जिसे 1 लाख से बढ़कर 5 लाख कर दिया गया है
पेंशन के लिए एक नए ट्रस्ट की स्थापना की जायेगी
ऐसा तंत्र बनाया जाएगा जिससे नकद का फ्लो बना रहे
माध्यम उद्योगों के लिए क़र्ज़ आसान हो ऐसी व्यवस्था बनाई जाएगी
IDBI की हिस्सेदारी बेचीं जायेगी, सरकार LIC का IPO लाएगी और इसका बड़ा हिस्सा बेचा जाएगा
2020-21 के लिए आर्थिक विकास का दर 10 प्रतिशत रखा गया है
2019-20 के वित्तीय वर्ष में सरकारी खर्च 26.19 लाख करोड़ था जबकि कमाई 22.46 लाख करोड़ था
2019-20 में राजकोषीय घाटा 3.8 प्रतिशत रखा गया था
2021 के लिए राजकोषीय घाटे का लक्ष्य 3.5 प्रतिशत अनुमानित है
2021 में सरकारी खर्च 30.42 लाख करोड़ रखा गए है