"पोहे" वाला बयान देकर बुरी तरह ट्रोल हुए विजयवर्गीय, बोले मैंने यह कभी कहा ही नहीं ……

मध्यप्रदेश/इंदौर – भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय इस समय सुर्खियों में छाए हुए हैं। सुर्खियों में छाए रहना का कारण उनका एक बयान है वो उन्होंने हालही में दिया था। कैलाश विजयवर्गीय के अनुसार एक बांग्लादेशी आतंकी पिछले एक साल से उनके घर में काम कर रहा था।
विजयवर्गीय ने घुसपैठ आतंकवादी की जानकारी देते हुए बताया था कि मुझे उस दौरान शक हुआ जब मैंने देखा कि वह मजदूर सिर्फ पोहा (Poha) खाते थे। विजयवर्गीय ने बताया कि मैंने देखा कि करीब 4 – 5 मजदूर एक साथ बैठकर एक ही थाली में पोहा खा रहे थे। मुझे बेहद आश्चर्य हुआ क्योंकि रात के वक़्त थाली भर के पोहा खाना बेहद अजीब था। मैंने सुपरवाइज़र को बोला कि इन्हे पूरा खाना नहीं देते। तो सुपरवाइज़र ने कहा कि ये सिर्फ पोहा खाते हैं।
मुझे बेहद आश्चर्य हुआ मैंने उनसे पूछा कि कहां के रहने वाले हो कि सिर्फ पोहा ही खाते हो। उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। यह मुझे बेहद आश्चर्यजनक लगा था।
इतना ही नहीं विजयवर्गीय ने खुद खुलासा किया था कि बांग्लादेश का संदिग्ध आतंकी डेढ़ साल तक इंदौर में रहकर उनकी रैकी कर रहा था। उन्होंने बताया कि शक के बाद मेरी की सुरक्षा बढ़ा दी गई थी।
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय का ये बयान शुक्रवार को खूब सुर्खिया बटोरता रहा। जिसके बाद उन्होंने फिर अपने बयान पर सफाई दी। उन्होंने कहा कि मेरे बयान को तोड़-मरोड़कर बताया गया।
मैंने यह कभी नहीं कहा कि पोहे खाने के कारण मैंने उनकी पहचान की। मैंने कहा था कि रात में थाली भरकर पोहे खाने का कारण पूछा तो मुझे ठेकेदार ने बताया था कि ये बंगाल के रहने वाले हैं। रात में पोहे ही खाते हैं। मैंने मजदूरों से यह पूछा कि वे बंगाल में किस जिले में रहते हैं तो वे नहीं बता पाए। जो जिस राज्य में रहता है, वहां अपने गृह जिले का नाम नहींं बता पाए यह कैसे संभव हैं। इसलिए मुझे शंका हुई थी। चूंकि मैं बंगाल के प्रभारी के तौर पर वहां के हर जिले में जाता हूं, इसलिए बंगाल का नाम सुनकर मजदूरों से उनके निवास वाले जिले का नाम पूछ लिया था।
गौरतलब है कि कैलाश की रैकी करने के मामले में गिरफ्तार हुआ संदिग्ध अभी भी एनआईए की गिरफ्त में हैं।