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भोपाल : BHEL कारखाने को इतने दिनों के लिए किया गया बंद, BJP MLA कृष्णा गौर की चेतावनी के बाद भेल प्रबंधन ने लिया फैसला

मध्यप्रदेश/भोपाल – राजधानी भोपाल में कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए लॉकडाउन लगाया गया हैं। इसमें कारखानों के साथ ही जरूरी सेवाओं को छूट दी गई हैं। इन संस्थानों में काम करने वाले लोग भी कोरोना की चपेट में आ रहे हैं।

इन सबके बीच भोपाल की गोविंदपुरा से विधायक कृष्णा गौर ने बीएचईएल (भेल) कारखाना बंद करने की मांग की थी। दरअसल, भाजपा विधायक लंबे समय से कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए भेल कारखाने को बंद करने की मांग कर रही थी। उन्होंने बुधवार को धरना देने की भी चेतनवी दी थी।

उन्होंने मंगलवार को भोपाल कलेक्टर अविनाश लवानिया को धरने की अनुमति के लिए पत्र लिखा था। जिसमें उन्होंने लिखा था भेल प्रबंधन को संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए 7 दिन के लिए कारखाने को बंद करना चाहिए। यदि भेल प्रबंधन इस पर कोई निर्णय नहीं लेता है तो मैं चेतावनी देते हुए कि बुधवार को धरने पर बैठूंगी।

कलेक्टर को दिए गए पत्र में उन्होंने बताया कि अब तक यहां 100 कर्मचारियों की मौत हुई हैं। जो बेहद दुःखद हैं। ऐसे में कारखाने को बंद करना ज़रूरी हैं।

इस बीच अब भेल कारखाना 13 मई से चार दिन के लिए आवश्यक सेवाओं को छोड़कर बंद कर दिया गया हैं। इस संबंध में भेल प्रबंधन की ओर से अवकाश संबंधी सर्कुलर जारी कर दिया गया हैं। इसमें 13 और 15 मई को एवजी कार्य करने के आधार पर अवकाश घोषित किया गया हैं। इसके अलावा 14 मई को ईद की छुट्‌टी और 16 मई को रविवार की छुट्टी हैं।

सर्कुलर के अनुसार प्रबंधन की तरफ से घोषित दो दिन के अवकाश की भरपाई कोरोना संक्रमण की स्थिति सामान्य होने पर अन्य अवकाश के दिन करने की जाएगी। साथ ही, यह भी निर्देश दिए हैं कि इस अवधि के दौरान सभी कर्मचारी भोपाल शहर से बाहर नहीं जाएंगे। किसी भी समय कार्य की आवश्यकता पड़ने पर दूरभाष या अन्य इलेक्ट्राॅनिक संचार के माध्यम से उपलब्ध रहेंगे।

कोई भी कर्मचारी संबंधित विभागाध्यक्ष/महाप्रबंधक की पूर्व अनुमति के बिना शहर नहीं छोड़ेंगे। आपातकालीन/आवश्यक सेवाओं/ ऑक्सीजन संयंत्रों में कार्य वर्तमान अनुसार किया जाता रहेगा। संबंधित विभागाध्यक्ष द्वारा ऐसे कर्मचारी जो कि आवश्यक सेवाओं में कार्यरत है, उन्हें रोस्टर के आधार पर कार्य पर बुलाया जाएगा।

बता दे कि गोविंदपुरा विधायक कृष्णा गौर की धरने पर बैठने की चेतावनी के बाद भेल प्रबंधन ने ये निर्णय लिया हैं।

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