भारत बंद का घातक असर पश्चिम बंगाल में, कोलकाता में 55 हुए गिरफ्तार
कोलकाता : आयुषी जैन : पश्चिम बंगाल में बुधवार को एक दिन के भारत बंद के दौरान कई स्थानों पर हिंसा और आगजनी की घटनाएं हुई.
- इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने बसों, एक पुलिस वाहन और सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया.
- अधिकारियों ने बताया कि भीड़ को रोकने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज, आंसू गैस के गोले दागने पड़े. इस दौरान पुलिस ने कोलकाता में 55 लोगों को हिरासत में लिया है.
सड़कों पर फूटा गुस्सा
प्रदर्शनकारियों ने मालदा जिले के सूजापुर इलाके में प्रमुख सड़क अवरुद्ध कर दी, टायरों को जलाया, सरकारी बसों में लूटपाट की और पुलिस की एक वैन समेत कई वाहनों को आग लगा दी. पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में लेने की कोशिश की तो उन्होंने पथराव किया और देसी बम फेंके. प्रदर्शनकारियों ने राज्य के कई स्थानों पर रेल एवं सड़क यातायात बाधित किया, जिससे सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ.
यातायात हुआ बाधित
पूर्वी बर्दवान जिले में विभिन्न स्थानों पर जलते हुए टायर डाले गए और सड़कें बाधित की गई. इसके अलावा रेलवे पटरियों को भी अवरुद्ध किया गया जिससे रेल यातायात बाधित हुआ. पूर्वी मिदनापुर जिले में बसों पर पथराव किया गया. पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हटाने का प्रयास किया जिसके बाद झड़प शुरू हो गई और इसके बाद कई प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर लिया गया.
हम आपको बता दें, यादवपुर विश्वविद्यालय के छात्रसंघ के सदस्य भी प्रदर्शन में शामिल हुए. अधिकारियों ने बताया कि उत्तरी 24 परगना जिले के बारासात इलाके में सड़कों पर देसी बम मिले. जिले में कुछ स्थानों पर रेलवे की पटरियों पर भी देसी बम मिले. प्रदर्शनकारियों ने बराकपुर और सोडेपुर समेत जिले के औद्योगिक हिस्से में रैलियां निकालीं और सड़कों तथा रेलवे पटरियों को अवरुद्ध किया.कोलकाता में सरकारी बसें सामान्य रूप से चल रही हैं, लेकिन शुरुआती घंटों में निजी बसों की संख्या कम थी. इस दौरान शहर में मेट्रो सेवाएं सामान्य थीं और सड़कों पर ऑटो-रिक्शा तथा टैक्सियां भी चल रही थीं. टॉलीगंज, बेहाला, एस्प्लांडे और यादवपुर समेत शहर के कई इलाकों में भारी पुलिस तैनाती देखी गई है.