मैली शिप्रा में अमावस्या पर स्नान

मैली शिप्रा में अमावस्या पर स्नान
- गंदे पानी से श्रद्धालुओं का स्नान
- प्रशासन को नही कोई फिक्र
- गंदगी से तार-तार हुई शिप्रा
उज्जैन/मंगलवार के दिन अमावस्या पर रामघाट में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी ताकि वो सभी शिप्रा के मैले पानी से स्नान कर सकें। बता दें कि, सिंहस्थ के समय इंदौर से आने वाली कान्ह नदी के गंदे पानी को शिप्रा में मिलने से रोकने के लिए कान्ह डायवर्सन योजना लागू की थी। त्रिवेणी के पास कान्ह के राघोपिपलिया स्टापडेम से 19 किमी दूर पाइपलाइन डालकर गंदे पानी को डायवर्ट किया गया था। कुछ दिन पहले यह पाइपलाइन लीकेज हो गई। इस कारण इसे बंद कर दिया गया। इससे स्टापडेम ओवरफ्लो होने लगा। करीब 10 दिन से इसका गंदा पानी शिप्रा में मिल रहा है।
श्रद्धालुओं ने किया था कीचड़ स्नान
शिप्रा में गंदा पानी मिलना कोई नई बात नहीं है। इससे पहले 5 जनवरी को शनिश्चरी अमावस्या पर शिप्रा के त्रिवेणी घाट पर स्नान के लिए श्रद्धालु जुटे थे लेकिन नदी में पानी ही नहीं था। प्रशासन ने फव्वारों की व्यवस्था की, लेकिन उसमें कीचड़ मिला पानी आया। श्रद्धालुओं को ऐसे ही पानी में स्नान करना पड़ा था। इस अव्यवस्था पर शासन ने तत्काल प्रभाव से संभागायुक्त एमबी ओझा और कलेक्टर मनीष सिंह को हटा दिया था। लेकिन क्या प्रशासन को इस बात की बिल्कुल फिक्र नही कि गंदे पानी में स्नान करने से प्रदेश को किन-किन बीमारियों का सामना करना पड़ेगा? अब देखने वाली बात ये होगी कि आखिर कब इस समस्या का समाधान किया जाएगा और लोगो को साफ पानी मिल सकेगा