सभी खबरें

Quarantine : योगीजी कि दावों कि खुली पोल ,एक बुज़ुर्ग कि quarantine में मौत ,शव में लगे थे कीड़े ,सोता रहा प्रशासन

भोपाल डेस्क ,गौतम कुमार

  • 82 साल के थे बुज़ुर्ग ,प्रशासन उनको घर में बंद कर सो गया था 

एक तरफ उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ अपने कड़े फैसलों के लिए विख्यात हैं तो वही दूसरी ओर उनके प्रदेश कि स्तिथि बदत्तर होती जा रही है। प्रदेश के कन्नौज में क्वारंटाइन में रखे गए एक बुज़ुर्ग कि मौत हो गई और उनके शव में कीड़े पड़ने लगे थे। और किसी को इसकी खबर नहीं थी। जिलोगों ने उनको वहां रखा था उनको भी नहीं और गांववालों को भी नहीं। सबसे चौकाने वाली बात तो यह है कि उनकी मौत कब और किन कारणों से हुई इसकी जानकारी न स्थानीय लोगों को है न प्रशासन को।

दरअसल बुज़ुर्ग मार्च में गुजरात से अपने गांव बढ़नापुर लौटा था। इसके बाद 22 मार्च को प्रशासन ने उसे होम क्वारैंटाइन कर दिया था। फिर आशा कार्यकर्ता ने 4 अप्रैल को घर के बाहर दूसरा नोटिस चस्पा कर दिया। जिसमें लिखा था कि कोई भी इस घर में प्रवेश न करे। यह कोरोना संदिग्ध का घर है। इसी डर से कोई भी गांववाला उस ओर नहीं जाता था और प्रशासन शायद यह भूल गया था कि एक 82 साल के बुज़ुर्ग को उन्होंने घर में बंद कर रखा है।

CMHO और प्रधान का जवाब ऐसा कि खून खौल जाए 

ग्राम प्रधान के पति महेन्द्र वर्मा ने कहा- मृतक अपने पोते के साथ गुजरात से गांव आया था, जो बाराबंकी शहर में रहता है। 1 अप्रैल को बुजुर्ग राशन और 4 अप्रैल को डॉक्टर से दवा भी लेकर आया था। वह अस्मा का मरीज भी था। मौत कब हुई किसी को इसकी जानकारी नहीं है। वर्मा ने अपनी लापरवाही मानते हुए कहा कि मैं कई दिनों से दूसरे कामों में उलझा था, इसलिए बुजुर्ग पर ध्यान नहीं दे पाया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर रमेश चन्द्रा ने कहा- शायद आशा वर्कर बुजुर्ग के घर के बाहर से लौटकर आ जाती होगी। कीड़े पड़ने के लक्षणों के बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है। बुजुर्ग में कोरोना के लक्षण नहीं थे, फिर भी हमने सैम्पल लेकर भेज दिया है। जिसकी रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कह पाना संभव होगा। होम क्वारैंटाइन का अर्थ यह नहीं है कि हम रोज देखने जाएं। इसमें हमें सिर्फ इतना देखना होता है कि संदिग्ध 14 दिनों तक किसी से मिले न और घर से बाहर न निकले।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Back to top button