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अजय कटेसरिया होंगे सतना जिले के नये कलेक्टर,जानिए कौन सी रहेगी प्रमुख चुनौतियां ?

सतना / मैहर से सैफी खान की रिपोर्ट :-
सतना :- राज्य शासन ने शुक्रवार अवकाश के दिन भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के स्थानांतरण आदेश जारी किए। अशोकनगर जिला पंचायत के सीईओ अजय कटेसरिया को सतना कलेक्टर बनाया गया है। कलेक्टर सतना सतेन्द्र सिंह को सचिवालय भेजते हुए उप सचिव की पदस्थापना दी है। 2012 बैच के कटेसरिया शनिवार को सतना पहुंचकर पदभार ग्रहण करेंगे। वे रात को ही अशोक नगर से सतना के लिए रवाना हो गए। 2012 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अफसर अजय कटेसरिया को त्वरित और स्पष्ट निर्णय लेने वाले अधिकारी के रूप में पहचाना जाता है। बतौर कलेक्टर उनकी यह पहली पदस्थापना है। राजस्व मामलों के वे काफी जानकार हैं । उनकी पहली पदस्थापना सहायक कलेक्टर के रूप में होशंगाबाद में हुई थी। इसके बाद एसडीएम सबलगढ़ रहे। यहां से जिपं सीईओ मुरैना एवं टीकमगढ़ रहे। प्रदेश सरकार ने राजस्व का विशेष अभियान चलाया तो इन्हें स्पेशल पोस्टिंग देते हुए राहत आयुक्त एवं पुनर्वास आयुक्त के रूप में पदस्थ किया गया। इस दौरान अभियान के तहत काफी काम किए गए और इनके काम को काफी सराहा गया। इसके पश्चात इनकी पदस्थापना बतौर जिला पंचायत सीईओ अशोकनगर में पदस्थापना दी गई थी। त्वरित निर्णय इनकी पहचान बताया गया कि इनकी पहचान त्वरित निर्णय लेने वाले अफसरों में होती है। अपने एसडीएम कार्यकाल से ही मामलों के त्वारित निराकरण के लिए पहचाने जाने लगे थे। दबंगों में भी इनके नाम की दहशत रही है। सबलगढ़ में अतिक्रमण के मामलों में इन्होंने काफी सख्त रुख अपनाया था और कई मामलों में तो रात में भी इन्होंने कार्रवाई से परहेज नहीं किया और मौके पर पहुंचते थे। जनता की शिकायतों का प्राथमिकता से निराकरण इनकी कार्यशैली में शामिल बताया गया है।

सतना में रहेगी ये चुनौती :-
सतना स्मार्ट सिटी है। इसको लेकर यहां काफी विकास कार्य चल रहे हैं। वर्तमान स्थिति में परिषद भंग होने से कलेक्टर ही प्रशासक भी हैं, लिहाजा स्मार्ट सिटी के कामों में गति लाना और शहर विकास की चुनौती इनके लिए होगी। सबसे बड़ी चुनौती यहां की पटरी से उतरी ट्रैफिक व्यवस्था होगी। साथ ही प्रदेश सरकार की प्राथमिकता में शामिल राम वन गमन पथ और चित्रकूट के विकास कार्य भी चुनौती में शामिल होंगे। इसके अलावा 3 लाख मीट्रिक टन गेहूं उत्पादन अनुमान के बीच भंडारण की शून्य व्यवस्था के बीच मंडियों की सड़कों पर भंडारित धान के बीच गेहूं का भंडारण बड़ी चुनौती होगी। जिले का राजनीतिक परिदृश्य, सत्ताधारी दल की खेमेबाजी सहित दो क्षत्रपों के बीच प्रशासनिक व्यवस्था में कसावट भी चुनौती के रूप में देखी जाएगी।इसके अलावा सहकारिता माफिया के तौर पर 45 करोड़ का गबन और भू-माफिया का अवैध कब्जा और अतिक्रमण भी चुनौती होगा।
एक साल दो माह की सतेन्द्र सिंह की रही पारी बुरहानपुर से सतना कलेक्टर के रूप में सतेन्द्र सिंह का तबादला शासन ने 21 दिसंबर 2018 को किया था। इसके बाद 23 दिसंबर को उन्होंने सतना में ज्वाइनिंग दी थी। तत्कालीन कलेक्टर राहुल जैन के रिलीव होने पर सतेन्द्र सिंह ने तत्कालीन प्रभारी कलेक्टर प्रवीण सिंह अढ़ायच से चार्ज लिया था। इससे पहले की वे जिले को अच्छी तरह से समझ पाते कि 2 जनवरी 2019 को राज्य शासन ने एक और तबादला आदेश जारी करते हुए विशेष गढ़पाले को सतना कलेक्टर बना दिया। उधर गढ़पाले पूर्व तय कार्यक्रम के तहत इसी तारीख को स्विटजरलैण्ड के लिए निकल गए थे। इस दौरान सतेन्द्र सिंह ने अपनी रिलीविंग भी दे दी थी। लेकिन कुछ ही दिन बाद 12 जनवरी को राज्य शासन ने एक और संशोधित तबादला आदेश जारी किया जिसमें सतेन्द्र सिंह को वापस सतना कलेक्टर पदस्थ किया गया और गढपाले को मध्यक्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में भेजा गया। अब एक साल दो माह बाद सतेन्द्र सिंह को सचिवालय में बतौर उप सचिव पदस्थ करते हुए अशोकनगर से अजय कटेसरिया को सतना कलेक्टर की जिम्मेदारी दी है।

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