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स्कूल खुले, पैरेंट्स ने किया सरकार के फैसले का विरोध, भोपाल में अब तक 1192 बच्चे आ चुके है Corona की चपेट में

भोपाल से खाईद जौहर की रिपोर्ट – लंबे समय से बंद पड़े स्कूलों को शुक्रवार से खोलने की इजाजत मप्र सरकार ने दे दी हैं। हालांकि अभी 10वीं और 12वीं की कक्षाओं के लिए स्कूल खोले जा रहे हैं। लेकिन कई पैरेंट्स सरकार के इस फैसले के खिलाफ हैं। इतना ही नहीं कई पैरेंट्स ने राष्ट्रीय और राज्य बाल आयोग में स्कूल खोले जाने का विरोध करते हुए शिकायत भी की हैं। 

दरअसल, फिक्रमंद पैरेंट्स असमंजस में हैं कि बच्चों को स्कूल भेजें या नहीं। उनका कहना है कि यदि स्कूल में बच्चों को कोराेना हो जाता है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा? बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर डरे हुए ज्यादातर पैरेंट्स यही जानना चाहते हैं कि ऐसे हालात में बच्चों को स्कूल भेजना कितना सुरक्षित होगा?

ज्यादातर स्कूलों में 25 दिसंबर से लग जाएंगी छुटि्टयां

दिसंबर आधा बीत चुका हैं। मिशनरी और कॉन्वेंट स्कूलों में 25 से जनवरी के पहले सप्ताह तक और सामान्य स्कूलों में 25 से 3 जनवरी तक विंटर वेकेशन होंगे। ऐसे में इस माह 5 दिन यानी 18, 19, 22, 23 और 24 को ही स्कूल लग पाएंगे।

ये कहता है स्वास्थ्य विभाग का आकड़ा 

स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े बताते हैं कि मार्च से अब तक राजधानी में 13 से 17 साल की उम्र के 1192 बच्चे कोरोना की चपेट में आ चुके हैं और एक की मौत हुई हैं। 

इनका कहना 

निजी स्कूलाें में जगह पर्याप्त है, फिजिकल डिस्टेंसिंग की काेई दिक्कत नहीं हाेगी। पालकाें से ज्यादा हम बच्चाें का ध्यान रखेंगे।
-डी. अशाेक कुमार, सचिव सहाेदय ग्रुप ऑफ सीबीएसई स्कूल्स

स्कूलों के दबाव में सरकार ने ये फैसला लिया हैं। स्कूलों में बच्चों की सेफ्टी के सवाल पर कोई कुछ कहने को तैयार नहीं हैं।
– कमल विश्वकर्मा, अध्यक्ष, पालक महासंघ मप्र 
 

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