IndoreFightsCorona : गलत आकड़े ,कम टेस्टिंग और झूठी सरकार ! कोरोना से ऐसे जीतेगा इंदौर ,पढ़े यह रिपोर्ट
गौतम कुमार कि रिपोर्ट
इंदौर में कोरोना वायरस किस हद तक हावी है शायद सरकार यह बात सभी से छुपाना चाहती है। ताज़ा आकड़ों कि बात करें तो इंदौर (Indore) में संक्रमितों कि संख्या अभी भी 923 ही बताई जा रही है। परन्तु सूत्रों कि माने तो यह आकड़ा असल में 1200 से ज्यादा का हो सकता है। इसके पीछे का तर्क है कि अभी तकरीबन 1500 से ज्यादा सैंपल के रिपोर्ट आने बाकी हैं। और जितने टेस्ट हुए हैं वह भी नाकाफी हैं। एक तरफ जहां सरकार इंदौर में ज्यादा से ज्यादा टेस्ट करवाने का दंभ भर्ती है तो वहीं दूसरी तरफ यह रिपोर्ट सरकार के दावों कि पोल खोलती है।
गलत आकड़े दर्शा रही हेल्थ बुलेटिन
पिछले तीन दिनों कि बात करें तो सिर्फ 33 पॉजिटिव मरीज़ मिले हैं। ऐसा इसलिए कतई नहीं है कि वहां मरीजों कि संख्या घाट रही है बल्कि ऐसा इसलिए है कि वहां सैंपल टेस्ट करने और उनके रिपोर्ट आने में अभी भी काफी ज्यादा टाइम लग जा रहा है। हेल्थ डिपार्टमेंट (Health Department) द्वारा जारी मेडिकल बुलेटिन के मुताबिक, 21 अप्रैल तक कोरोना संक्रमित सैंपल की संख्या 4094 बताई गई थी। 20 अप्रैल तक सैंपल की संख्या 4040 थी। यानी सिर्फ 54 सैंपलों की जांच की गई। इसमें 8 कोरोना पॉजिटिव मामले सामने आए। वहीं 19 अप्रैल तक ये संख्या 3966 थी। यानी सिर्फ 74 सैंपल की जांच की गई, जिसमें 18 पॉजिटिव मरीज सामने आए। 18 अप्रैल तक 3928 सैम्पल की संख्या बताई गई यानी 38 सैंपल की जांच की गई, जिसमें 7 मरीज पॉजिटिव आए. पिछले तीन दिनों में सिर्फ 166 सैंपल की जांच हुई, जबकि सरकार रोज 200 सैंपल की जांच का दावा कर रही थी और इसे 600 सैंपल रोज बढ़ाने की बात भी कही जा रही है।
हज़ार से ज्यादा सैंपल के रिपोर्ट आने बाकी
गांधी मेडिकल कॉलेज की डीन के मुताबिक़ उनके लैब में मैग्नेटिक वीड तकनीक वाली जो मशीन उपलब्ध है, उससे एक बैच में सिर्फ 12 फाइनल सैंपल ही तैयार हो पाते हैं। पीसीआर मशीन से जांच और सैंपल तैयार करने में बहुत समय बेकार चला जाता है। हमने भोपाल को इससे अवगत करा दिया है. जहां 19 अप्रैल को सिर्फ 38 जांच कर पाए तो 20 को लैब में सिर्फ 74 जांच ही हो पाई। वहीं 21 अप्रैल को 54 जांच हो पाई हैं। अकेले इंदौर में 1500 से ज्यादा सैंपल जांच के लिए बचे हैं. माना जाता है कि सस्पेक्टिड सैंपल्स में से 15 से 20 फ़ीसदी हिस्सा कोरोना पॉजिटिव आता है। ऐसे में इन 1500 सैंपल की जांच हो जाएगी तो ये आंकड़ा 300 के करीब और बढ़ जाएगा. जिससे इंदौर में कोरोना पॉजिटिव मरीजों का आंकड़ा 1200 के पार चला जाएगा।
देरी का ठीकरा फोड़ा जा रहा kit पर
प्रदेश सरकार ने पिछले दिनों आरएनए एक्सट्रैक्शन के लिए मैग्नेटिक वीड बेस तकनीक वाली चाइनीज किट इंदौर भेजी है। इसके चलते एमजीएम की वायरोलॉजी लैब में फाइनल टेस्ट सैंपल तैयार करने का काम बहुत धीमा हो गया है। कोविड-19 की जांच जिस पीसीआर मशीन से होती है, उसके पहले सैंपल में से आरएनए और डीएनए अलग करना पड़ता है। बताया जा रहा है कि फाइनल टेस्ट के लिए सैंपल में से डीएनए और आरएनए एक्सट्रैक्शन का काम दो तकनीक से होता है एक है मैग्नेटिक वीड, दूसरी है कॉलम बेस तकनीक, पहले जो किट भेजी गई थी वो कॉलम बेस तकनीक पर आधारित थी। इससे तेजी से सैंपल तैयार हो जाते थे। लेकिन अब चाइनीज किट का जो लॉट भेजा गया। वो मैग्नेटिक वीड तकनीक पर आधारित है इसके चलते वायरोलॉजी लैब में फाइनल टेस्ट सैंपल तैयार करने का काम बहुत धीमा हो गया है।
आधे स्टाफ खुद क्वारंटाइन में
इंदौर के गांधी मेडिकल कॉलेज की वॉयरोलॉजी लैब में काम कर रहे डॉक्टर अजय सोनी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। उसके बाद से लैब के 7 डॉक्टरों ने अपने आपको क्वारेंटाइन कर लिया है। यानी लैब का आधा अमला क्वारंटाइन हो गया है, जिसके कारण स्टाफ की कमी हो गई है। इसलिए भी जांच की गति धीमी हो गई है. इसकी जानकारी डीन ने केन्द्रीय दल को भी दे दी है।
Source : News18