कागजों पर ही चल रही है इस गांव की सफाई, ग्रामीणों ने लगाया बड़ा आरोप
Jabalpur, (गौतम कुमार): सरकार अपनी योजनाओं को कितने भी बेहतर ढंग से लागू करने की कोशिश करे लेकिन निचले/पंचायत स्तर पर हर योजना में किसी न किसी तरह का घपला/घोटाला हो ही जाता है। आंकड़ों के अनुसार पंचायत स्तर के इन अधिकांश घोटालों का उद्भेदन ग्रामीण ही करते हैं। प्रशासनिक स्तर पर ये घपले उजागर नहीं हो पाते हैं, जबकि इन्हें प्रशासन द्वारा ही पकड़ा जाना चाहिए। ताजा मामला मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले अंतर्गत मझौली तहसील के रोसरा ग्राम पंचायत का है। रोसरा ग्राम पंचायत के अंतर्गत चार गांव आते हैं। नयागांव, रोसरा, रोसरी और चर्गवा।
आंगनबाड़ी केंद्र से बिल्ली का शव नहीं हटवा सकी प्रशासन
मिली जानकारी के अनुसार स्वच्छ भारत अभियान के तहत रोसरा ग्राम पंचायत से 18 ट्राली कचरा फेंका गया है जबकि ग्रामीणों का कहना है कि गांव में कचरे की स्थिति जस की तस बनी हुई है। आज तक कोई भी ट्राली कचरा उठाने नहीं आई है। कचरे की सफाई सिर्फ कागजों पर हुई है। रोसरा ग्राम पंचायत के ही त्रिगड्ढा के आंगनबाड़ी केंद्र के ठीक सामने पिछले तीन दिनों से एक बिल्ली मरी हुई है जिस कारण पूरे इलाके में दुर्गंध फैला हुआ है। ग्रामीणों का कहना है कि इसकी शिकायत सरपंच राम शरण मिश्रा से की गई है लेकिन उन्होंने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया है। द लोकनीति ने जब पंचायत सचिव रघुवीर दुबे से इस संबंध में बात की तो उन्होंने कहा कि उन्हें इस घटना की जानकारी है और आज (गुरुवार) को बिल्ली को वहां से हटवा दिया जाएगा। वहीं कचरे की ट्राली वाले प्रश्न पर उन्होंने अपना बचाव करते हुए कहा कि ऐसा नहीं है गांव में कचरे की सफाई की जाती है।
ग्रामीण खुद जुट गए हैं सफाई में
जाहिर सी बात है किसी जनप्रतिनिधि से जब इस तरह का प्रश्न पूछा जाता है तो वह अपना बचाव ही करते हैं। लेकिन द लोकनीति के कैमरा के सामने वास्तविकता कुछ और थी। गांव में जमा कचरा और उस कारण फ़ैल रही दुर्गंध पर जब ग्राम पंचायत के तरफ से कोई ध्यान नहीं दिया गया तो गांव के लोग नालियों की सफाई में खुद जुट गये हैं। गांव वालों का यह भी कहना है कि ग्राम पंचायत द्वारा लगभग 10 सीसी सड़क का निर्माण करवाया गया है, जिसकी गुणवत्ता इतनी बेकार थी कि मात्र दो सालों में सभी सड़कें जर्जर स्थिति में पहुंच गई हैं। इस संबंध में पंचायत सचिव रघुवीर दुबे ने बताया कि 15 सीसी सड़कों का निर्माण कराया गया है जिसकी मोटाई 8 इंच की है और सभी अच्छी हालत में हैं, जबकि ग्रामीणों का कहना है कि सड़कें मात्र 2 इंची की बनी हुई है और गुणवत्ताहीन हैं।
इससे पहले भी इस पंचायत से जनप्रतिनिधियों की लापारवाही के मामले सामने आते रहे हैं। आशंका यह भी व्यक्त की जा रही है कि यदि मामले की सही से जाँच हो तो करीब 40 से 50 लाख के आसपास का घोटाला सामने आ सकता है।