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फॉलन आउट महिला अतिथि विद्वानों ने सीएम शिवराज को कहा "आधुनिक भगवान", की सेवा में बहाली और नियमितीकरण की मांग 

फॉलन आउट महिला अतिथि विद्वानों ने सीएम शिवराज को कहा आधुनिक भगवान, की सेवा में बहाली और नियमितीकरण की मांग 

भोपाल/गरिमा श्रीवास्तव:-  मध्यप्रदेश में अतिथि विद्वान बीते डेढ़ साल से गुहार लगा रहे हैं. सत्ताधारी शिवराज सरकार उनकी बिल्कुल सुध नहीं ले रही है. अब महिला अतिथि विद्वानों ने अपनी सेवा में बहाली और नियमितीकरण को लेकर एक वीडियो जारी करते हुए सीएम शिवराज से मांग की है. यहां तक की वीडियो में महिला अतिथि विद्वानों ने सीएम शिवराज को अपना आधुनिक भगवान भी कहा है.

यहाँ देखें वीडियो:-

https://twitter.com/GarimaLokniti/status/1379655349469204480?s=19

 लंबे समय से फॉलन आउट अतिथि विद्वान संघर्ष कर रहे हैं, पर सत्ता की कुर्सी हाथ लगते ही सीएम शिवराज अपने सारे वादे भूल चुके हैं. जब मध्यप्रदेश में कमलनाथ की सरकार थी उस दौरान दिसंबर के महीने में शिवराज सिंह चौहान अतिथि विद्वानों के धरना स्थल शाहजहानी पार्क पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने फालेन आउट अतिथि विद्वानों से वादा किया था कि उनकी सत्ता में वापसी होते ही सबसे पहला काम रहेगा सेवा में बहाली. पर सत्ता में वापसी होने के बाद सीएम शिवराज के ये वादे सिर्फ जुमलेबाजी तक सिमट कर रह गए.

 अतिथि विद्वान नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष ने कहा कि हम लगातार ज्ञापन के माध्यम से खुद मंत्रियों से मिलकर अपनी सेवा में बहाली और नियमितीकरण की गुहार लगा रहे हैं. पर अभी तक सिर्फ हमें आश्वासन ही दिया गया. एक-एक कर अतिथि विद्वान आत्महत्या करने को मजबूर हैं. हाल ही में एक अतिथि विद्वान ने आर्थिक तंगी की वजह से आत्महत्या कर ली. ज्योतिरादित्य सिंधिया जो अतिथि विद्वानों के मुद्दे पर ही अपनी सरकार के खिलाफ मुखर हुए थे और भाजपा में अपने 22 विधायकों के साथ शामिल हो गए थे, उन्होंने अब इस मामले पर पूरी तरह से चुप्पी साध रखी है.

 आर्थिक स्थिति ऐसी हो गई है कि कई फालेन आउट अतिथि विद्वानों को दोनों टाइम का भोजन भी नहीं मिल पाता है. कई बच्चों की फीस नहीं जमा कर पाने की वजह से स्कूल प्रबंधन उन्हें स्कूल से बाहर निकाल चुका है…

 आखिर इन सब में मासूम बच्चों का क्या दोष है.. एक तरफ जहां शिवराज सरकार बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की बात करती है तो वहीं दूसरी तरफ कई फॉलन आउट अतिथि विद्वानों की बेटियों की शिक्षा दीक्षा रुकी हुई है. क्योंकि उनके घर में अब आय का कोई स्रोत नहीं है. फीस ना जमा कर पाने की वजह से  स्कूल से नाम काट दिया गया है.

मध्य प्रदेश सरकार के सारे वादे सिर्फ छलावे लगते हैं. सभी मंत्री सिर्फ आश्वासन देकर अतिथि विद्वानों को बरगलाने का काम कर रहे हैं.

 महिला अतिथि विद्वान सीएम शिवराज को आधुनिक भगवान कह रही हैं, पर फिर भी सीएम का दिल नहीं पसीज रहा है. इस वक्त लगभग 600 अतिथि विद्वान सेवा से बाहर है.

 जाने कब इन अतिथि विद्वानों की सेवा में बहाली होगी और इनके अच्छे दिन आएंगे..

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